पीलीभीत, बरेली। उग्रवाद के बाद अब इन दिनों पीलीभीत फिर चर्चाओं मे है। वजह खालिस्तानी तीन आतंकियों का एनकाउंटर किया है। जनपद पीलीभीत में पूरनपुर पुलिस ने रविवार रात को एनकाउंटर मे पंजाब के तीन खालिस्तानी उग्रवादियों को मार गिराया था। सोमवार की सुबह को एडीजी जोन रमित शर्मा और आईजी रेंज डॉ. राकेश सिंह पीलीभीत पहुंचे। एडीजी और आईजी ने इंस्पेक्टर पूरनपुर नरेश त्यागी और माधोटांडा इंस्पेक्टर अशोक पाल के साथ घटनास्थल का जायजा लिया। एडीजी रमित शर्मा ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गये तीनों खालिस्तानियों की पहचान 23 वर्षीय वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि, 25 वर्षीय गुरविंदर सिंह और 18 वर्षीय जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है। तीनों से दो एके-47, दो पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए है। एडीजी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों के खिलाफ पंजाब में गुरदासपुर की बक्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले के संबंध में एफआईआर दर्ज है। सूचना मिली थी कि ये तीनों पीलीभीत के पूरनपुर में छिपे है। सोमवार को सुबह चेकिंग के दौरान पुलिस ने उन्हें घेर लिया। खालिस्तानी आतंकवादियों ने पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें तीनों मारे गए। मुठभेड़ में माधोटांडा थाने के सिपाही सुमित राठी और एसओजी के सिपाही मोहम्मद शाहनवाज घायल हुए हैं। इनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। 1991 में आतंकवाद के दौरान से ही पीलीभीत पंजाब के उग्रवादियों की पनाहगाह रहा है। पंजाब में वारदात के बाद वह यूपी के पीलीभीत का ही रुख करते हैं। पीलीभीत में सिख फार्मर भारी संख्या में हैं। इस वजह से आतंकी वहां आसानी से छिप जाते हैं। किसान आंदोलन के दौरान पंजाब का असर पीलीभीत में देखने को मिला था। वहां जमकर प्रदर्शन किया गया। पुलिस अब ऐसे स्लीपिंग माडयूल की तलाश में भी जुटी है। आखिर वो कौन लोग हैं जो इन आतंकियों को पनाह देकर इनके मददगार बनते है। मुठभेड़ मे पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडेय, एसआई अमित प्रताप सिंह, पूरनपुर इंस्पेक्टर नरेश त्यागी, एसआई ललित कुमार, हेड कांस्टेबल जगवीर, माधोटांडा इंस्पेक्टर अशोक पाल, सिपाही सुमित और हितेश, एसओजी प्रभारी इंस्पेक्टर केबी सिंह, सर्विलांस प्रभारी एसआई सुनील शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव