खामोश लब है झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

बरेली। सद्भावना कमेटी उत्तर प्रदेश की ओर से रविवार रात को खलील हायर सेकेंडरी स्कूल मे मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कवि व शायरों ने कई अपने कलाम पेश किए। शायरा शबीना अदीब ने कहा कि खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है, अभी तकल्लुफ है गुफ्तुगू में अभी मोहब्बत नई-नई है। हाशिम फिरोजाबादी ने पढ़ा,और क्या चाहिये इक बदन के लिए, ये तिरंगा बहुत है कफन के लिए, सरहदों पर हमें भेजकर देखिए, जान दे देंगे हम भी वतन के लिए। पल्लवी सक्सेना ने गजल पढ़ी, जब से तुम जिंदगी में हो आने लगे , तब से रातों को हमको जगाने लगे। शहजादा कलीम, विकास बोखल, आबाद सुल्तानपुरी, अना दहलवी, यासिर सिद्दीकी, ज्योति त्रिपाठी, आजाद प्रतापगढ़ी, शादाब कुरैशी ने भी दिलकश शायरी की। मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर रहे। संचालन नदीम फर्रूख ने किया। इस दौरान चेयरमैन आजाद एवं पूर्व मंत्री मुनीर अहमद समेत सपा के पदाधिकारी व नेता मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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