भदोही। हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा खादेमुल हुज्जाज के लिए प्रार्थना पत्र की तारीख 22 मार्च को मुकर्रर कर दी गई। खादेमुल हुज्जाज के लिए सिर्फ सरकारी नोकारियों वाले ही आवेदन कर सकते है साथ ही साथ शर्त यह भी है कि वे खुद उमरा या हज किये हो।
उक्त बातें उ.प्र.हज सेवा समिति के अध्यक्ष एवं जिला हज ट्रेनर हाजी आज़ाद खां बापू ने हज कमेटी ऑफ इंडिया मुम्बई से संपर्क कर बताई। श्री खान ने कहा कि भारत सरकार ने चार बार हज आवेदन करने वालो का रिजर्व कोटा रद्द कर दिया था। लेकिन वहीं फिर से पांचवीं बार आवेदन करने वालो के लिए पांच हज़ार आवेदको की सीट एलार्ट कर दिया है जिसे उनका चयन हज कमेटी ने कर ली है। श्री बापू ने कहा कि हज पर जाने वाले आजमीन हज की दूसरी और आखिरी किश्त के पैसे अप्रैल माह के अंदर ही जमा हो जायेगी।
श्री बापू ने भारत सरकार के गैर जिमेदाराना रवैये को बताते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा अब खादेमुल हुज्जाज वही हो सकते है जो सिर्फ सरकारी कर्मचारि हो जिसका कोई औचित्य नहीं है। कहा जबकि हम खुद्दामुल हुज्जाज सेवा समिति के हज़ारो लोग हाजियों की सेवा मे देश प्रदेश में लगे हैं और ज्यादा तर हज ट्रेनर सामाजिक लोग है जिनको सरकार से कोई फायदा व न कि लालच है। कहा पुरे देश मे सिर्फ ख़िदमत के नाम पर आज़मीने हज की सेवा करते हैं। कहा 2017 मे हज कमेटी ऑफ इंडिया मुम्बई मे पुरे देश से आये हुए मास्टर ट्रेनरों की ट्रेनिंग मे भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि 2018 मे हम उन खादेमुल हुज्जाज को भी हज की सेवा में शामिल करेंगे जो बिना गरज अपने-अपने ज़िलों मे हाजियो की सेवा करते हैं और समुंद्री रास्ते से भी हाजियो को हज के लिए भेजने का काम किया जाएगा। कहा बहुत अफ़सोस की बात है की भारत सरकार का कार्यकाल समाप्ति को है लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।कहा हाजियो को सहूलियत के बजाय उन्ही के पैसो से ही सब्सिडी दी जाती रही जिसको बंद भी कर दिया गया और केराया घटाने की कोई घोषणा नहीं की जा रही है जिससे देश प्रदेश के तमाम हज सेवा समिति के कार्यकर्ता भारत सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है। श्री आज़ाद ने उ.प्र.के हज मंत्री से अनुरोध की है कि हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा बेहतर से बेहतर आज़मीने हज की सुविधा के लिए सरकार से गुजारिश कर 2018 आज़मीने हज के केराया को कम कराये ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग हज पर जा सके और अच्छी सेवा सऊदीया अरबिया मे फ़राहम कराये।
-आफताब अंसारी ,भदोही