बरेली। शहर मे स्थित कोविड अस्पताल मे प्रशिक्षित आपरेटर आक्सीजन प्लांट को नही चला पा रहे है। जिसकी वजह से अस्पताल प्रशासन द्वारा अनट्रेड कर्मी से आंक्सीजन प्लांट चलवाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की काफी दिक्कत हो गई थी। जिसको लेकर काफी अफरा तफरी का माहौल रहा। कोरोना संक्रमित मरीजों को समय से आक्सीजन न मिलने की वजह से उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों को आंक्सीजन की किल्लत न हो है। जिसके लिए कोविड अस्पताल सहित कई अस्पतालों मे आंक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया गया। आंक्सीजन प्लांट के लगने के बाद दो प्लांट आंपरेटर महेन्द्र व रितेश कश्यप को प्रशिक्षित करके कोविड़ अस्पताल मे भेजा गया जो आंक्सीजन प्लांट चलाने में पूरी तरह विफल रहे। इस दौरान आंक्सीजन प्लांट में तकनीकी कमी भी आ गई। जिन्हे आंक्सीजन प्लांट कम्पनी के कर्मियों ने दूर किया। कोविड अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर सतीश चन्द्रा का कहना है कि प्रशिक्षित आपरेटर आक्सीजन प्लांट नही चला पा रहे है। इसलिए अनट्रेड से आक्सीजन प्लांट चलवाया जा रहा है। आंक्सीजन प्लांट चलाने के प्रशिक्षित आपरेटर की तैनाती न होने पर एक अनट्रेंड कर्मी को रख लिया गया था जो आज भी आंक्सीजन प्लांट चला रहा है।कोविड अस्पताल मे बिजली सप्लाई बाधित होने पर शासन द्वारा लाखों रूपये खर्च करके दो जनरेटर लगाये गये जो पिछले आठ महीने से खराब चल रहे थे। जिन्हे पिछले माह हजारों रूपये लगाकर ठीक कराया गया जो 15 दिन से पहले ही दम तोड़ गये। अब शोपीस बने खड़े है।।
बरेली से कपिल यादव