बरेली। कोरोना अस्पताल में शनिवार को अचानक धुआं उठने लगा। इसकी सूचना मिलते ही दमकल विभाग के कर्मचारियों गाड़ियां लेकर पहुंच गए और आग पर काबू पाने के लिए जुट गए। आधे घंटे के अंदर ही कर्मचारियों ने आग पर काबू पा लिया। फिलहाल आग लगने से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ दरअसल यह एक मॉक ड्रिल था। दमकल कर्मचारियों और अस्पताल के स्टाफ को प्रशिक्षण देने के लिए यह आयोजन किया गया था। मॉक ड्रिल के तहत शिवानंद अस्पताल के आईसीयू में भी हादसा दिखाया गया। जहां 11 मरीज भर्ती थे। इस हादसे के बाद बरेली के तीन सौ कोविड अस्पताल में भी अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं को देखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अग्निशमन विभाग के साथ मिलकर मॉक ड्रिल की थी। यह मॉक ड्रिल दोपहर करीब डेढ़ बजे दमकल की गाड़ी 300 बेड कोविड अस्पताल पहुंची। दमकल कर्मियों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को अग्निशमन यंत्रों के उपयोग की जानकारी दी। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों से अग्निशमन यंत्र जलवाकर भी देखे गए। वहीं अस्पताल में लगे सभी अग्निशमन यंत्र और अन्य फायर फाइटिंग सिस्टम जैसे स्प्रिंकलर, हौजरील को भी चेक किया। दमकल विभाग की टीम ने करीब दो घण्टे तक प्रशिक्षण दिया। तीन सौ बेड कोविड अस्पताल के प्रशासनिक भवन में स्प्रिंकलर सिस्टम ही आग लगने की वजह बन सकता है। दरअसल अस्पताल के हॉल में ही एक जगह सीलिंग फैन लगा है। इसी के पास में स्प्रिंकलर है। ऐसे फायर फाइटिंग सिस्टम शुरू होने पर पंखे में पानी जाना लगभग तय है। इससे शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने का खतरा बना रहता है।।
बरेली से कपिल यादव