बरेली। 300 बेड कोविड अस्पताल के कर्मचारियों ने 3 माह से वेतन न मिलने पर मंगलवार की सुबह से कार्य बहिष्कार कर दिया। जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। इस दौरान कई घंटे तक अस्पताल में आने वाले मरीज भी परेशान रहें और मरीजों ने हंगामा भी किया। किसी तरह अस्पताल के सीएमएस डॉ वागीश बैश्य के समझाने पर कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार को खत्म किया। कहते है कि आप संसाधन कितने भी आधुनिक कर लें, लेकिन बिना मैनपावर के बिना सब बेकार है। 300 बेड कोविड अस्पताल पर यह बात पूरी तरह साबित हो रही है। अस्पताल में ठेका पद्धति के तहत काम कर रहे 36 ठेकाकर्मियों ने वेतन न मिलने पर हड़ताल करने की चेतावनी दी है। करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुआ भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह बिल्डिंग खासतौर पर कोरोना के मरीजों के इलाज करने के लिए बनाई गई है। लेकिन यह कोविड अस्पताल दिन पर दिन बदहाल हो रहा है, इसकी वजह मशीन नहीं बल्कि मशीनरी है। कुछ समय पहले ही 300 बेड कोविड अस्पताल में काम करने वाले 40 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। किसी तरह अस्पताल की साफ-सफाई और अन्य काम तुलनात्मक रूप से बेहद कम स्टाफ से हो रही थी। लेकिन अब बचे हुए 36 ठेकाकर्मियों ने भी हड़ताल कर दी है। वजह, सितंबर महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। ठेकाकर्मियों का कहना है कि तेलंगाना की कंपनी ने कॉन्ट्रेक्ट पर रखवाया था। सितंबर महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से घर में भुखमरी की स्थिति आ गई है। कर्मचारियों ने वेतन मिलने के बाद ही कार्य पर लौटने की बात कही लेकिन सीएमएस के समझाने पर कई घंटे बाद कर्मचारी दोबारा काम पर लौटे। इस दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों ने असुविधा के चलते भी हंगामा किया। ठेका स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ.वागीश वैश्य को इस बाबत ज्ञापन दिया है।।
बरेली से कपिल यादव