कोरोना से जंग : घर-घर बधाई नहीं अब जरूरतमंदों को खाना बांट रहे किन्नर

बरेली। समाज में रहकर भी उनसे दूर रहना ही उनकी किस्मत है, जो रिश्तों की किसी गिनती में नहीं आते और आज भी उनकी स्वीकार्यता पर पुरजोर बहस छिड़ी है। खुशी के दिनों में दरवाजे पर जो हाथ बधाई बजाते थे, नाच-गाकर दुआएं देते थे, संकट की इस घड़ी में अब उन हाथों ने सहारा देने की मुहिम छेड़ दी है। सीबीगंज में किन्नरों ने मुश्किल हालात में गुजर-बसर कर रहे परिवारों के लिए मदद का अभियान चला रखा है। लॉकडाउन के बाद से ही रोजाना किन्नर अपने दरवाजे पर लोगों को खाना बांट रहे हैं। घर में खुशी आए, शादी-निकाह हो, किसी नन्हे मेहमान का आना हो तो दरवाजे पर किन्नरों का आना, बधाई देना बहुत शुभ माना जाता है। समाज से दूर रहने वाले ये किन्नर बधाई गाकर जो मिलता है, उसमें ही गुजारा करते हैं। लेकिन आज हालात बदल गए हैं, लोग परेशान हैं और इस वक्त में किन्नरों ने खुशियों के साथ ही उनके दुख बांटने का जिम्मा भी उठाया है। सीबीगंज में किन्नरों का समूह बीते 24 मार्च से गरीब-जरूरतमंद परिवारों को खाना बांट रहा है। इसमें राजू शमीम के साथ संजना किन्नर, शीतल किन्नर, सरोज किन्नर शामिल हैं। सबसे अधिक दिलचस्प है इस किन्नर समाज की व्यवस्था। लॉकडाउन के नियमों का पूरा ख्याल रखा है। घर के दरवाजे से दूर तक गोला बना दिया है और सामाजिक दूरी का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। एक तरफ जहां बाजारों, मंडियों में पढ़े-लिखे लोग सामाजिक दूरी के महत्व को मानने को तैयार नहीं हैं, वहीं किन्नरों ने पहले दिन से ही इसे न केवल समझा, बल्कि इलाके के लोगों को भी समझाया।

कोरोना वाायरस के संक्रमण से सभी की सुरक्षा हो, रोज ऊपरवाले से दुआ करते हैं, भले ही हमारा किसी से रिश्ता नहीं होता पर इंसानियत का रिश्ता तो है ही। आज समाज को हमारी जरूरत है, हम पूरी तरह गरीब-जरूरतमंद परिवारों के साथ हैं।
राजू शमीम

– बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *