कैदियों को वापस बुलाने से जेलों में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण का खतरा

बरेली। शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले कुछ महीने मे जेल से कैदियों को रिलीज किया गया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि जेल में ज्यादा भीड़ होने के चलते कोरोना वायरस न फैल जाए। वहीं अब कैदियों को वापस बुलाया जा रहा है। आरटीआई एक्टविस्ट व अधिवक्ता यशेन्द्र सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को ट्वीट कर इस मसले पर तत्काल संज्ञान ग्रहण कर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि एक समय कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है और न ही इसके इलाज की समुचित व्यवस्था बन पाई है। कभी भी किसी भी व्यक्ति को इसका इन्फेक्शन होने का खतरा है। जिसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में जेलों में बन्द कैदियों को कोरोना से बचाने के उद्देश्य से बिना जमानत निजी वंधपत्र पर जेल से छोड़ने का निर्णय लिया गया था और पूरे प्रदेश से तमाम कैदी छोड़े गए है लेकिन अभी न तो कोरोना का प्रकोप कम हुआ है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था बन पाई है। अदालतों में भी जमानतों की नियमित सुनवाई की व्यवस्था नही बन पाई है लेकिन सरकार के अधिकारियों की उदासीनता के कारण उक्त आदेश आगे नही बढ़ाया गया है। अब छोड़े गए सभी कैदियों को तत्काल वापस जेल में बुलाया जा रहा है। जिससे जेल में कोरोना संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ने की संभावना है इसलिये पूर्व में जारी आदेश को आगे बढ़ाए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। यशेन्द्र सिंह एड ने बताया कि जेलों से छोड़े गए कैदी बेहद परेशान हैं क्योकिं उनके जमानत प्रार्थना पत्रों पर नियमित सुनवाई नही हो पा रही है और अगर समय रहते सरकार नही जागी तो जेलों में कोरोना कम होने की बजाय अधिक बढ़ जाएगा।।

बरेली से कपिल यादव

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