बरेली। उ.प्र. अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि. के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता में कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दलितों के विकास के कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं से सबसे अधिक लाभार्थी दलित, वंचित और गरीब समाज के लोग है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कोई भी सरकार दलितों के लिए समग्र विकास का एजेंडा नही लाई। यह पहली बार है कि भाजपा सरकार दलितों के लिए सामाजिक और आर्थिक एजेंडा लेकर आई है। डॉ. निर्मल ने कहा कि केन्द्र सरकार की स्टैंड-अप इण्डिया योजना के तहत अनुसूचित जाति के उद्यमियों को 10 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक का वित्तपोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश मे पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के तहत 20 हजार रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक का स्वरोजगार के लिए बैंकों के सहयोग से वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना के तहत 78 हजार से 85 हजार, लांड्री एवं ड्राई क्लीनिंग योजना के लिए 1 लाख तथा 2 लाख 16 हजार तक की वित्तीय सहायता ब्याज मुक्त उपलब्ध करायी जा रही है। बिजनेस करेस्पांडेंट, टेलरिंग शॉप योजना तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय आटा-मशाला चक्की योजना के तहत अनुसूचित जाति के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत दलित बाहुल्य 6188 ग्रामों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जोड़ा जा रहा है। जिसमें आधारभूत सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। डॉ. निर्मल ने कहा कि वर्तमान केंद्र एवं प्रदेश सरकार न केवल दलितों का सशक्तिकरण कर रही है और बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर को सम्मान देने का कार्य भी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि आंबेडकर के जन्म स्थान महू छावनी, शिक्षा भूमि 10 किंग्स हेनरी रोड लंदन, दीक्षा भूमि नागपुर, परिनिर्वाण स्थल 26 अलीपुर रोड, दिल्ली तथा चैत्य भूमि जहां पर उनका अंतिम संस्कार हुआ है इन पांचों स्थानों को पंचतीर्थ घोषित कर भव्य स्मारक बनवाया गया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी सरकार कार्यालयों में डॉ. आंबेडकर का चित्र लगाना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ मे बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें भव्य प्रेक्षागृह, संग्रहालय, पुस्तकालय, वाचनालय, विपस्सना केन्द्र, अतिथि गृह, डॉ. आंबेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर शोध करने के लिए शोध केन्द्र भी प्रारंभ किया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव