बरेली। कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग के मंत्री सूर्य प्रताप शाही सोमवार देर शाम बरेली पहुंचे थे। सर्किट हाउस में उनसे भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉ. केएम अरोड़ा और कृषि विभाग के अधिकारियों ने मुलाकात की। वह समीक्षा करने के बाद बदायूं के बिसौली में किसान कल्याण केंद्र की कार्यशाला के लिए पहुंचेंगे। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही मंगलवार सुबह बरेली के सर्किट हाउस में पत्रकारों से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने घोषणा पत्र में किसानों के मुख्य एजेंडे कर्ज माफी, एमएसपी के आधार पर खरीद आदि का संकल्प लिया था, जिन पर बहुत तेजी से काम किया गया है। गाजीपुर बार्डर पर इकट्ठा किसान और प्रियंका वाड्रा के दौरों पर कृषि मंत्री बोले कि ये राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा का निकम्मापन ही है कि आज किसानों काे प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कही धरना प्रदर्शन नहीं चल रहा है। कुछ लोग बार्डर पर बैठे है, उनका काम सिर्फ विरोध करना है। हमारा काम बोलता नहीं, दिखता है। हम सिर्फ अपना काम करेंगे। तीनों कृषि कानूनों पर कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने वही कानून बनाए हैं जिसका सुझाव स्वामीनाथन कमेटी, यूपीए सरकार और कृषि मंत्री के रूप में शरद पवार ने दिया था। अब कुछ लोग निजी हितों की वजह से किसान आंदोलन के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं। इसलिए समझ आने पर धीरे धीरे आंदोलन सिमट रहा है। उन्होंने कहा यह कानून किसान के जीवन में खुशहाली लाने वाले हैं, कॉन्ट्रैक्ट खेती पर पाबंदी नहीं है, एमएसपी पर खरीदारी की जा रही है। किसानों की पंचायत पर वह बोले कि राहुल और प्रियंका के निकम्मेपन के कारण ही देश की ये हालत हुई है। पूर्ववती सरकारों ने अगर किसानों के हितों को देखा होता तो किसानों की ये हालत नहीं होती। उनके जमाने में किसानों ने जिस तरह से आत्महत्या की है। प्रधानमंत्री ने देश के किसानों को उस स्थिति से बाहर निकाला है। पश्चिम बंगाल में चुनाव होने जा रहे हैं, आपको अंदाजा हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी किस स्तर पर काम कर रही है।।
बरेली से कपिल यादव