कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राप्ती के राजघाट नदी पर लोगों ने लगाया आस्था की डुबकी का गोता

*राजघाट इस्तिथ माँ दुर्गा के मंदिर में 1 दिन पहले से ही डेरा डाल देते है दूर दूर से आये श्रद्धालु

*कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के अवसर पर इस मेले में सुपे की जमकर होती है खरीददारी

गोरखपुर – कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज राजघाट के राप्ती नदी पर सुबह से ही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ गया। दूर दूर से आये श्रद्धालु 1 दिन पहले ही राजघाट पर स्नान करने के लिये डेरा डाल देते है। राज घाट के बगल में ही इस्तिथ माँ दुर्गा के मंदिर पर मंदिर प्रबंधन के तरफ से लोगो के लिये टेन्ट लगा दिया जाता है और पूरी रात भगवान के भजन का कार्यक्रम चलता रहता है मंदिर के पुजारी बालकिशुन ने बताया कि लगभग 25 वर्ष से यहाँ पर कार्तिक कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले में लोगों की सुविधा के लिये रात भर भजन का कार्यक्रम और भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें लोगों को खीर, पूडी सब्जी प्रसाद के रूप में दिया जाता है और लोग ठंड से बचने के लिये अलाव का भी व्यस्था किया जाता है जिससे कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर आकर पूरी रात गुजारते हैं। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान लोगों ने बड़ी संख्या में स्नान कर भगवान भास्कर और गंगा मां को फूलों और अगरबत्ती के साथ जल चढ़ाकर मां गंगा से अपने परिवार के सुख शांति समृद्धि के लिए मंगल कामना किया । इस दौरान लोगों ने गौ दान भी कर भी अपने जीवन को धन्य किया। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राजघाट बहुत बड़ा मेला भी देखने को मिला।जिसमें लोगों ने बड़ी संख्या में खरीदारी किया छोटे बच्चे खिलौने की तरह आकर्षित होते दिखे तो वही दूसरी तरफ महिला खासकर घरेलू सामनो की जमकर खरीदारी किया। इस मेले में दूर दूर से आयी महिलायें विशेष कर सूपा, चलनी, की खरीदारी करती है इस प्रमुख कारण यह भी है कि एकादशी के दिन लोग सुबह महिलाएं सूपा को गन्ने से ठोक ठोक कर बजाती है और उस सूपा को घर से दूर कही ले जाकर फेक दिया जाता है। इस कारण कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले में लोग सूपा का विशेष रूप से खरीददारी करते है। ज़िला प्रशासन की तरफ से लोगो को सुरक्षित स्नान करने के लिये बाँस बल्ली की मदद से नदी के पानी मे बैरिकेटिंग कर दिया गया है और ऐन डी आर एफ की टीम लगातार बोट की सहायता से लोगो की सुरक्षा के लिये नदी के किनारे घूम रही है।

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