बरेली- विधायक की बेटी का दलित युवक संग विवाह करना उस पर बेटी का बाप और भाई से जान से मारने का खतरा होना।मीडिया का इस प्रकरण को इतना तूल देना।सोशल मीडिया के माध्यम से विधायक की छवि को ऐसा साबित करना जैसे वह आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहते हो।कहीं न कहीं कुछ और इशारा कर रहा है। कहीं कोई राजनैतिक साजिश तो नहीं ।
अब शुरू से साक्षी प्रकरण पर नजर डाले तो अचानक सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होता है जिसमें वह कहतीं है कि उन्होने एक दलित युवक से शादी कर ली है और उन्हें अपने पिता बिथरी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल व भाई हिमांशु मिश्रा उर्फ विक्की भरतौल से जान का खतरा है।यह वीडियो इतना वायरल किया जाता है कि बड़े चैनल इस प्रकरण में कूद जाते है।फिर शुरू होता है खेल।
मीडिया पर साक्षी कहती है उन पर अंकुश लगाया गया पढने नहीं दिया गया तो साक्षी जयपुर में क्या खेती कर रहीं थी।फिर शादी का सर्टिफिकेट वायरल होना ।लेकिन इस सर्टिफिकेट को उस मंदिर के महंत ने ही नकार दिया जिसका यह सर्टिफिकेट है।फिर अचानक लडके के पिता का मीडिया के सामने आने का और कहना कि दलित होने के कारण यह सब विधायक कर रहें है यानि दलित को लेकर राजनीतिक हवा देना।अब बडा सबाल सूत्रों के मुताबिक लडके के भाई का विधायक के परिवार में आना जाना था वह वहां खाना भी कई बार खा चुका है तव विधायक व उनके परिवार को दलित नहीं समझ आया जो इस समय दलित की राजनीति की जा रहीं है।दूसरा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल उर्फ हताश पिता यह भी कह चुका कि बेटी बालिग़ है उसने जो फैसला लिया वह सोच समझ कर ही लिया होगा उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनलों पर आकर पिता ने कहा कि उनकी साक्षी व उनके लडके से कोई बात नहीं हुई उसके बाद तीनों का चैनल के दफ्तर में मीडिया के सामने आना कुछ और ही संकेत देता है।
कहीं कोई बड़ी साजिश तो नहीं कहीं विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल जो हिन्दुत्व का चेहरा बन रहें है उसको खत्म करने की साजिश तो नहीं । कहीं पर्दे के पीछे कोई और तो नहीं ।
देखने बाली बात बड़े चैनलों पर इस प्रकरण को इस तरह दिखाना जबकि आम आदमीं की इन चैनलों के आफिस में आसानी से इंट्री भी नहीं हो सकती कुछ और ही इशारा कर रहा है ।