वाराणसी/राजातालाब- जम्मू कश्मीर की बेटी और वाराणसी में बहू बनकर आई मोनल त्रिसल 370 और 35ए केंद्र सरकार द्वारा समाप्त किए जाने की सूचना के बाद से काफी खुश है। मोनल त्रिशल का कहना है कि अब उन्हें उनकी मातृभूमि जम्मू कश्मीर में सारे अधिकार प्राप्त होंगे जो उनके हाथ से चले गए थे। कहा कि उन्हें अक्सर इस बात का मलाल रहता था कि बाहर के प्रांत में शादी करने से उनकी मातृभूमि से उनका नाता टूट जाएगा। भारत सरकार ने उन्हें ससुराल और मायके की मातृभूमि से जुड़ने का एक अधिकार दिया जिसे पाकर वे प्रसन्न है।मोनल इस बात को लेकर भी खुश हैं कि उनका ससुराल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में है।
मोनाल त्रिसल की शादी जनपद के शाहंशाहपुर निवासी डॉक्टर दीपक सिंह से हुई है। इन दोनों की मुलाकात पढ़ाई के दौरान रूस में हुई थी। बाद में पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों परिवारों की रजामंदी से 7 वर्ष पूर्व इन लोगों की शादी संपन्न हुई थी। दंपत्ति पेशे से चिकित्सक है। शाहंशाहपुर का मूल निवासी यह दंपत्ति इस समय दिल्ली में दो विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं।परिवार का शाहंशाहपुर भी आना-जाना बना रहता है और यहां पर पैतृक संपत्ति है तथा परिवार के लोग भी रहते हैं। एक तरफ जहां डॉक्टर दीपक और डॉक्टर मोनल के परिवार के लोगो ने सरकार के इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है वहीं मोनल त्रिशल ने कहा कि उन्हें और उनकी बहनों को इस बदलाव से अत्यंत खुशी है।मोनल की एक बहन की शादी बिहार में और एक की राजस्थान में हुई है।मोनल को कोई भाई नहीं है। दूरभाष पर हुई बातचीत में मोनल त्रिसल ने बताया कि वे जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जनपद के त्रिसल गांव की रहने वाली कश्मीरी पंडित हैं।अभी गांव में उनके चाचा व बड़े पिता रहते हैं। उनके चाचा डॉ ओंकार नाथ एडवोकेट ने कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर की उच्च अदालत में कश्मीरी पंडितों के प्रतिस्थापन के लिए केस भी लड़ा था। जबकि बड़े पिता द्वारिका नाथ त्रिशल आईएस रहे हैं। मोनल के पिता डॉक्टर सी एल त्रिशल दिल्ली में आकर रहने लगे थे और यहीं पर सरकारी नौकरी में थे। मोनल ने बताया कि त्रिशल गांव के लोगों के साथ ही कश्मीर से बाहर रहने वाले इनके दोस्त मित्र व रिश्तेदार संवैधानिक अधिकार मिलने से काफी खुश हैं।
रिपोर्ट:- राजकुमार गुप्ता वाराणसी