ओवरब्रिज और हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर चला पटरी व्यवसायियों पर चाबुक

वाराणसी- ओवरब्रिज बनाने और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर झुग्गी झोपड़ी वाले छोटे दुकानदारों व्यापारियों को उजाड़ा जा रहा हैं उन्हें घर से बेघर कर खुले आसमान के नीचे गुर्जर करने रोजी रोटी छीनने सहित हाईवे द्वारा किए जा इस कृत्य से उजाड़े गए गरीब बेसहारा लोगों में अधिकांश ऐसे भी है जो 50 वर्षो के आदि से पुश्तैनी रूप से इन जगहों पर निवास करते हैं तथा व्यापार करते रहें इन लोगों के नाम मतदान परिचयपत्र बिजली पानी का बिल तथा अन्य सरकारी दे अदा करने की रसीदें भी हैं मगर शासन के इशारे पर प्रशासन ने उजाड़ दिया और बेरोजगार हो हुए लोगों को दुकान घर वापस दिए जाए

*दुकानदारों का सवाल – आखिर क्यों उजाड़ दिया हमें*

वाराणसी राजातालाब राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर अतिक्रमण हटाने के फेर में आज से करीब दो बरस पहले सब्जी मंडी रोड और चौराहा की पटरी पर चल रही ठेला पटरी की दुकानें उजाड़ दी गई थीं। रोजी-रोटी से महरूम हुए दुकानदारों में आज कई बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। अब उसी जगह अन्य लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है। जिला प्रशासन के जिम्मेदार लोगों के पास आज इसका कोई जवाब नहीं है।
वर्ष 2017 में तत्कालीन एसडीएम ईशा दुहन की देखरेख में पूरे राजातालाब चौराहा को मास्टर प्लान के तहत अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था। यह मार्ग भी इससे अछूता नहीं रहा था। मार्ग चौड़ीकरण, ओवरब्रिज बनाने के नाम पर यहां सभी ठेला पटरी दुकानों पर चले बुलडोजर से दुकानदारों की रोजी-रोटी छिन गई थी।
उन्होंने खूब हायतौबा मचाई ठेला पटरी व्यवसायियों ने राजातालाब तहसील एसडीएम दफ्तर पर जोरदार आंदोलन कर ज्ञापन सौंपा था, तत्पश्चात एसडीएम ईशा दुहन दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए ठोस निर्णय लिया था और उन्हें बसाने के लिए कि जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था ना हो जाए तब तक राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे ट्रैफिक व्यवस्था अवरुद्ध ना हो व्यवसाई अपना व्यापार कर सकते हैं और उनका आई कार्ड बनाने का भी आश्वासन दिया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
फिलहाल लोगों ने अस्थायी तौर पर दुकानें बना रखी थी।

उजाड़े गए दुकानदार प्रशासन से राहत न मिली यहां के व्यापारियों का कई बार चालान भी काटा गया कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

*लड़ी जा रही है हक की लड़ाई*

राजातालाब ठेला पटरी व्यवसायियों दुकानदारों के साथ जो हुआ, उसकी स्थानीय सामाजिक संगठनों ने तब भी निंदा की थी और आज भी हम उजाड़े गए दुकानदारों के साथ खड़ा है। दुकानदार आवंटित दुकान में रोजगार कर रहे थे लेकिन उत्पीड़न उनका ही हुआ। कायदे से कार्रवाई जिला प्रशासन पर होनी चाहिए थी। अभी मामला ठंडा नहीं है। उत्पीड़न के शिकार दुकानदार और सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता की अगुवाई में यह लड़ाई लड़ी जा रही है। दुकानदार अपना हक लेकर रहेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने राजातालाब के ठेला पटरी व्यवसायियों को उजाड़ने को गैरकानूनी बताया है यह आजीविका संरक्षण फेरी नीति कानून 2014 का उल्लंघन है। यहां के ठेला फुटपाथ पटरी व्यवसायियों को बिना बसाये उजाड़ने को तुगलकी कार्रवाई बताते हुए पुनर्वास की मांग की गई।

रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता वाराणसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *