बरेली। यूपी-उत्तराखंड की एसटीएफ व वन विभाग की संयुक्त टीम ने कार में दो हाथी दांत ले जा रहे तीन तस्करों को मंगलवार की शाम गिरफ्तार किया है। बरामद हुए दांत करीब सवा तीन फुट लंबे हैं। टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सीओ आरबी चमोली के नेतृत्व में उत्तराखंड एसटीएफ व वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (डब्लूसीसीबी) दिल्ली की संयुक्त टीम ने बरेली की तरफ आ रहे कार सवार तस्करों का पीछा किया। सूचना पर बरेली एसटीएफ की टीम भी तस्करों का पीछा करते हुए बड़ा बाइपास होकर सीबीगंज के गांव पुरनापुर की तरफ पहुंच गई। इस दौरान तस्करों की कार एक खाई में फंस गई। एसटीएफ टीम ने घेराबंदी कर तस्करों को कार समेत पकड़ लिया। पुलिस पूछताछ में पकड़े गए तस्करों ने अपने नाम आदित्य विक्रम सिंह, करण सिंह और नत्था सिंह बताए। विक्रम बरेली में ग्रीन पार्क और करण बारादरी इलाके का रहने वाला है। जबकि नत्था लखीमपुर के निघासन का है। तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से दो हाथी दांत बरामद हुए। हाथी दांत बेचने के लिए तस्कर एक से दूसरे जिले में घूम रहे थे। वह इन्हें एक करोड़ रुपये में बेचना चाहते थे। भनक लगने पर एसटीएफ ने खरीदार बनकर डील कर ली और तस्कर फंस गए। एसटीएफ की संयुक्त टीम ने सवा तीन फुट लंबे दो हाथी दांत बरामद कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। सूत्रों के मुताबिक सात किलो वजनी हाथी दांत के लिए तस्करों को 70 लाख रुपये तक के खरीदार मिल चुके थे, पर वह कम से कम एक करोड़ रुपये में उसे बेचना चाहते थे। इस वजह से यहां-वहां भटक रहे थे। इसी दौरान संयुक्त टीम ने उनको गिरफ्तार कर लिया। हाथी दांत आदित्य के बताए जा रहे हैं, जिसकी डीलिंग नत्था सिंह करवा रहा था। आदित्य ने पहले बहाना बनाया कि हाथी दांत उसके नाना के पुश्तैनी हैं, जिसे वह उसे दे गए। जबकि टीम मान रही है कि आरोपियों ने किसी हाथी को मारकर दांत निकाले हैं। विवेचना में सच्चाई सामने आएगी।।
बरेली से कपिल यादव