बरेली- ईईएसएल कंपनी द्वारा नगर निगम क्षेत्र में पुरानी लाइटों को बदल कर नई स्ट्रीट लाइट एलईडी लगाई जा रही है लेकिन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा मानक के अनुरूप एलईडी लाइट नहीं लगाई जा रही है। जिससे बड़ी सड़कों पर 35 वाट की लाइट लगने से अंधेरा बना रहता है लेकिन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर यह कृत्य किया जा रहा है। एग्रीमेंट में कंपनी ने 110 वाट 70 वाट एवं 35 वाट की लाइट लगाने का प्रावधान किया था 70 वाट के स्थान पर 35 वाट की लाइट लगाकर कंपनी ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। नगर निगम के प्रकाश अधीक्षक द्वारा इनका भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जो कि केवल कंपनी के नुमाइंदे के रूप में सत्यापन कर रहे हैं ।सत्यापन के दौरान माननीय महापौर की अध्यक्षता में 8 मार्च को संपन्न हुई बैठक में तय किए गए मापदंडों को दरकिनार कर आ जा रहा है। इस संबंध में आज वार्ड 55 के पार्षद दीपक सक्सेना द्वारा एक शिकायती पत्र महापौर को संबोधित करके सौंपा गया । जिसमें भाजपा पार्षद दीपक सक्सेना ने आरोप लगाया है कि कंपनी के कर्मचारियों द्वारा कई जगह पर मानक के अनुरूप एलईडी लाइट न लगाकर कम्पनी कर्मचारियों द्वारा मनमानी की जा रही है।सूत्रों के मुताबिक ऐसा भी आरोप है कि पैसे का लेनदेन करके 70 वाट की लाइट लगाई जा रही है। बताया जाता है कि कई क्षेत्रों में खराब लाइटों को भी अनदेखा कर कर्मचारी अपनी मनमानी से तय कर रहें है मानक।जिसके चलते क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है।
लाइटों पर शुरू हुई राजनीति
जानकारी के अनुसार वार्ड 46 के गांधीपुरम कालोनी में कम्पनी द्वारा लगाई गयी एलईडी लाइटों में जमकर राजनीति हो रही है मानक को दरकिनार कर लाइटें अपने चहेतों के कहने पर लगाई जा रहीं है।प्रमुख चौराहों को भी छोड़ा जा रहा है उदाहरण है कालोनी का होली चौराहा।क्षेत्र में लाइटें लगने के बाद भी जब प्रमुख चौराहा छोड़ा गया तव क्षेत्रवासियों ने पूर्व पार्षद गौरव सक्सेना से आग्रह कर इस चौराहे पर लाइट लगवाई।