बरेली। आयुष्मान योजना के पात्र परिवार ने कार्ड बनवा लिया और जब इलाज कराने पहुंचा तो पता चला कि परिवार के कई सदस्यों का पोर्टल से नाम ही गायब हो गया है। उनकी जगह दूसरे समुदाय के तीन लोगों के नाम जुड़ गए है। चौंकाने वाली बात यह है कि आयुष्मान कार्ड बन जाने के बाद उनके नाम गायब हुए। ऐसे मे यह सवाल उठ रहा है कि एक ही आयुष्मान कार्ड नंबर पर भला दो अलग-अलग नाम-पते के लोगों की केवाईसी कैसे हो गई। पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत सीएमओ कार्यालय मे की है और मामले को जांच के लिए हेड आफिस भेजा गया है। यह सनसनीखेज मामला बहेड़ी के इगरा गांव का है। यहां के हरदयाल का परिवार आयुष्मान योजना का पात्र है। उनके पास 2017 मे योजना मे नाम शामिल होने का पत्र आया। उसके बाद हरदयाल, उनके भाई रामभरोसे, परिवार की चमेली देवी समेत अन्य सदस्यों ने अपना आयुष्मान कार्ड भी बनवा लिया। सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनने के बाद जरूरत पड़ने पर उससे उपचार भी कराया। बीते दिनों हरदयाल की तबियत खराब हो गई और चमेली देवी के कूल्हे की हड्डी टूट गई। परिवार दोनों को लेकर कर्मचारीनगर स्थित निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से इलाज कराने पहुंचा। हरदयाल के भाई रामभरोसे ने इसकी शिकायत की तो शुरू में अधिकारी भी हैरान रह गए। जब पता चला कि पोर्टल से पात्र लोगों का नाम-पता ही हट गया और दूसरे का कार्ड बन गया तो मामले की गंभीरता को देखते हुए नोडल अधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने इसे लखनऊ भेज दिया है। अब साचीज के अधिकारी ही जांच के बाद बताएंगे कि पात्र परिवार का आयुष्मान कार्ड दूसरे के नाम पर कैसे आवंटित हो गया। जांच मे पता चला है हरदयाल के आयुष्मान कार्ड नंबर पर दूसरे लोगों के नाम पते की केवाईसी जनसेवा केंद्र पर हुई थी। यह जनसेवा केंद्र मुड़ियानबी बक्श मे है। जानकारी जुटाई जा रही है। लेकिन अधिकारी यह नही बता पा रहे कि पहले केवाईसी होने के बाद आखिर दोबारा उसरी कार्ड नंबर पर दोबारा केवाईसी कैसे हो गई।।
बरेली से कपिल यादव
