एक और लाल खोया: मेजर विभूति ढोढियाल पुलवामा एनकाउंटर में शहीद,पिछले वर्ष ही हुई थी शादी

*हादत का सिलसिला कब रुकेगा!

देहरादून/उत्तराखंड- अभी मोहन लाल रतूड़ी की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि विगत दिवस शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का शव देहरादून पहुंचा और आज सुबह उसकी अंतिम यात्रा हृदव्र के लिए रवाना हुई। तभी खबर आई कि एक और देहरादून का बच्चा मेजर विभूति शहीद हो गया।
स्वर्गीयज केशवानन्द ढोंडियाल जो कि सीडीये एयरफोर्स में थे उनके पुत्र स्वर्गीय ओमप्रकाश के बेटे थे शाहिद मेजर विभूति की आज सुबह खबर आई कि वह पुलवामा आतंकी हमले में एनकाउंटर में वीरगति को प्राप्त हो गया। मेजर विभूति की तीन बहने हैं जिनमे से दो बहनों की शादी हो गयी। भाई बहनों में सबसे छोटा था शहीद मेजर। शहीद मेजर की आयु 30-32 वर्ष की बताई जा रही है तथा पिछले वर्ष ही अप्रैल में शादी हुई थी।डंगवाल मार्ग नैशविल्ला रोड, पर 1950 से रह रहा परिवार सभी से घुलमिलकर रहता है।
शहीद मेजर विभूति के फूफा जी के वेटी शैलेश ध्यानी ने दुखी मन से बताया कि विभु हर तरह से सामाजिक दृष्टि से एक्टिव रहता था । शहीद मेजर के बड़े बहनोई पूजा के पति बीकानेर में सेना में हैं तथा छोटे बहनोई अमेरिका में धस्माना जी आई टी कंपनी में हैं।
पिछले वर्ष अप्रैल में शादी हुई थी। पत्नी दिल्ली में सर्विस करती है आज ही सुबह दिल्ली गयी नितिका।
दोस्तों के साथ घुलमिलकर खुश मिजाज विभू की याद करते आसपडोसी उसके वेधडक पन की बातें याद कर कर बिलख पड़े उनेह यकीन नही हो रहा कि ऐसा भी हुआ होगा। सेंट जोसफ से पढ़ाई की थी मेजर विभूति ने।

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