उर्स ग़ौसे आज़म मना कराई शहर के लिए अमनो अमान की दुआ

सम्भल- दारुल उलूम मखदूमिया में उर्स ए ग़ौसे आज़म बडी अक़ीदतो एहतेराम के साथ मनाया गया ।जिसमें उलामाऐ किराम ने हज़रत ग़ौसे आज़म (रह ) की सवानह हयात पर रोशनी डाली ।उन्हे खिराजे अक़ीदत पैश की गई ।अक़ीदतमंदों ने नूरानी महफिल में उलामा के बयानात को सुना ।उर्स में सैकडों की तादाद में लोंगों ने शिरकत की ।
मंगलवार को शहर के चौधरी सराय सि्थत दारुल उलूम मखदूमिया में सदरुल उलामा एकेडमी के सदर हज़रत सैयद यजदानी मियां की सरपरस्ती में आयोजित उर्से ग़ौसे आज़म की शुरूआत तिलावते कुराने पाक तथा नात व मन्कबत के साथ हुई ।उर्स की महफिल को खिताब फरमाते हुए शहर इमाम ईदगाह मौलाना सुलैमान अशरफ हामिदी ने कहा कि हुज़ूर ग़ौसे आज़म (रह ) पीरों के पीर है । कहा कि ग़ौसे आज़म (रह ) ने दुनिया के उलामा को दर्स दिया । वह 40 साल तक तब्लीगे इस्लाम में लगे रह भाईचारे को आम किया । हज़रत ग़ौसे आज़म ( रह) ने अल्लाह के हुक्म की पाबंदी करने तथा अल्लाह के रसूल की सुन्नतों के मुताबिक अपनी ज़िंदगी बसर करने की तालीम दी । शहर मुफती कारी अलाउददीन ने कहा कि नैकों की सोहबत अखितयार करने वाला जन्नती है । इंसान को अपनी जिंदगी को हुजूर ग़ौसे आज़म (रह ) की तालीम के अनुसार बितानी चाहिये ।मौलाना फाजिल ने कहा कि पीराने पीर दस्तगीर हजरत गौसे आजम ( रह ) से मोहब्बत करने वाले को ही फ़ैज़ मिलता है ।मौलाना तौसीफ़ व मौलाना कामिल ने भी ग़ौसे आज़म की अमलियाती ज़िंदगी पर रोशनी डाली ।बाद में सलातो सलाम के साथ हजरत यजदानी मिया ने मुल्क व दुनिया में अमनो अमान व तरक्की की दुआ कराई ।इसके बाद लंगर का आयोजन किया गया । इस मौके पर, काइदे अहले सुन्नत मौलाना नफीस अखतर,मौलाना जियाउल मुस्तफा,,मुफती अशफाक नईमी, सूफी मुबीन रिजवी,मौलाना वहीदुल्लाह,कारी इरफान लतीफी,मौलाना तालिब,मौलाना एहसानुल हक,मौलाना शफी,मौलाना आरिफ अशफाकी, कारी राशिद अली,कारी तंजीम अशरफ, ख्वाजा कलीम अशरफ,मौलाना नफीस अशफाकी,कारी जैगम,आदि के साथ तंजीम उलामाऐ अहले सुन्नत के समस्त उलामा व शहर गणमान्य लोग मौजूद रहे ।
मौलाना फैजान अशरफ ने आये हुए सभी महमानों का शुक्रिया अदा किया ।

सम्भल अंतिम विकल्प से सैय्यद दानिश की रिपोर्ट

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