उर्स-ए-मोहम्मदी मे बोले उलमा, महंगी शादी की जगह गरीबों की करें मदद

बरेली। बाजार संदल खां स्थित वली मियां की दरगाह पर चल रहे चार रोजा उर्स-ए-मोहम्मदी में रविवार शाम कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। उर्स के मंच से उलमा ने कहा कि महंगी शादी करने की जगह गरीबों की मदद करें। सुबह दरगाह पर कुरानख्वानी का आयोजन हुआ। उसके बाद दरगाह पर मोहल्ला जखीरा, रेती, कटघर, सराय, किला, ठिरिया निजावत खां, हुसैन बाग, जसोली आदि जगह से चादरें आती रहीं। कुंडा, इलाहाबाद, लखनऊ, दिल्ली, राजस्थान, मुंबई, उत्तराखंड से भी अकीदतमंद उर्स में शामिल हुए। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन अहसन मियां की तरफ से नासिर कुरैशी चादरपोशी के लिए पहुंचे। दोपहर में दरगाह पर कार्यक्रम का आगाज कारी गुलाम यासीन ने किया। मुफ्ती सगीर अख्तर, गुल मोहम्मद, साकिब रजा, मोइन, फारुख ने कलाम पेश किए। मौलाना ततहीर अहमद ने उर्स ए मोहम्मदी की मुबारकबाद देते हुए कहा कि आलिम और मौलवी वो है, जिसे देख कर पैगंबर ए इस्लाम की याद आ जाए। कहा कि आजकल लड़के वाले दहेज लेने के लिए लड़की वालों से मांग करते हैं। इसके लिए दबाव बनाते हैं। शादी में बरातियों के लिए कई तरह के पकवान बनाने को कहा जाता है। शादी की सालगिरह भी मनाई जानी लगी है। यह सब काम शरीयत के खिलाफ हैं। इन सब कामों की जगह किसी गरीब की मदद करें। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की शादियों में देखा जा रहा है कि महिलाएं गेट पर खड़े होकर बरात का स्वागत कर रही हैं। हल्दी की रस्म कर डांस किया जा रहा है। उन्होंने इन सब कामों से परहेज करने की हिदायत दी। तकरीर के बाद शाम 4: 50 पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। सज्जादानशीन अनवर मियां ने देश में अमन चैन और भाईचारे के लिए दुआ की। सय्यद नाजिर अली, ताहिर जमाल शम्सी, आरिफ उल्लाह, मोहसिन खान एडवोकेट, हाफिज रईस, सय्यद मतीन उल्ला, वली उल्ला मोहम्मदी, अरसलान शम्सी, अहमद हुसैन, मुस्तजाब अली, तजम्मुल, राशिद हुसैन, डॉ. खालिद हुसैन, इमरान मोहम्मदी, सरफराज, मुदस्सर, उस्मान, आरिफ आदि मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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