उन्नाव कठुआ दुष्कर्म के खिलाफ परमंदापुर में चलाया गया हस्ताक्षर अभियानः निकली रैली

जंसा/वाराणसी -आराजी लाईन विकास खण्ड के परमंदापुर मे देश में बेटियों महिलाओं के साथ आये दिन होने वाली यौन हिंसा की घटनाओं के विरोध में सृष्टि जन कल्याण आशा जी जीवन ट्रस्ट व परोपकार फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को परमन्दापुर गाँव में बेटियो,महिलाओ ने धरना प्रदर्शन किया।लोगों ने प्रधानमंत्री से देश की बेटियों की सुरक्षा की गुहार लगाई।परमन्दापुर गाँव में आयोजित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में ‘कठुआ,उन्नाव,बारपेटा और बिहार जैसी घटनाओं पर हम शर्मिंदा हैं’,‘ऐसी घटनाएँ अब और नही’,आसिफा हम शर्मिंदा हैं तुम्हारे कातिल जिन्दा हैं’जैसे स्लोगन के साथ लोगो ने नारे लगाये।इन घटनाओं के प्रति अपनी व्यथा और रोष को प्रदर्शित किया और दोषियों को सजा देने की माँग किया।इस अवसर पर सृष्टि जन कल्याण ट्रस्ट के विजय कुमार समाजेवी व मानवाधिकार जन निगरानी समिति के आनन्द निषाद ने कहा कि क्या आज देश की स्थितियां आधी आबादी के रहने लायक है।इसका जबाब अखबारों न्यूज चैनलों में रोज महिलाओं एवं बच्चियों के साथ बलात्कार, हत्या,आत्म हत्या,शोषण,यौन हिंसा की घटनाओं की बढ़ती हुई संख्या से मिलता है।कठुआ में आठ साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी और हत्या से पूरा देश हिल गया है।उसी तरह उन्नाव की घटना ने भी हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सत्ता के नशे में चूर लोग किस तरह समाज के ताने बाने और महिलाओं की इज्जत को अपने पैरों तले रौंदते हैं।कठुआ और उन्नाव की शर्मनाक घटनाओं में सत्ता का संरक्षण अपराधियों को मिलने के प्रति रोष व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि तमाम कानूनों के प्रभावी रहने के बावजूद आज औरतो, लड़कियां,बच्चियों की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी के प्रति सत्ता और प्रशासन की भूमिका में कोई बदलाव नहीं आ रहा है।वक्ताओं ने कहा कि जम्मू के कठुआ और उन्नाव की घटनाओं के साथ ही विगत दिनों असम के बारपेटा,बिहार के सासाराम में बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने मानवता को शर्मसार कर दिया है।इससे भी अधिक शर्मनाक है इन घटनाओं पर हो रही राजनीति और आरोप प्रत्यारोप के साथ साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश।धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाजसेवी विजयकुमार,सलोमी,सृष्टि,अभय,निशा,शिवानी,चन्दा,रोशनी,सोनी,नन्दनीय,पिंकी,अफरोजा,सोमारू पटेल,रामकेवल,आनन्द निषाद,गाँव के बच्चे आदि शामिल रहे।
संवाददाता:-एस के श्रीवास्तव विकास की रिपोर्ट

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