पौड़ी गढ़वाल/रिखणीखाल -नैनीडांडा के कई सीमावर्ती गांव आज ऐसी बेकदरी से जूझ रहे हैं कि जिनकी आजीविका वनों पर आधारित थी उन्हें जलाने की लकड़ी की भी दरकार है स्थिति यह है कि लैंसडौन ,दुगड्डा व धुमाकोट गैस ऐजेंसी के रहते हुये भी कई बार उन्हें धोखा भी मिलता रहा है कॉर्बेट पार्क से लगे तैड़िया, पांड, कांडानाला, बसुसेरा , दियोड़, बिरोबाड़ी,जवाड़ियूंरौल,रौंदेड़ी,सकनेडी,भद्वाड़,उपगांव..तल्ला..मल्ला,बसेडी,क्वीराली,तोल्यूं,सतगरिया, डला,मेलधार ,द्वारी ,जुई,पापड़ी,पड्यारपाणी,बिशनगळ्या ,ताल ,चिलौं,बसेड़ी,सौंपखाल आदि कई सौ गांवों में ईंधन हेतु गैसपूर्ति में आये दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है।वन कानूनों के चलते जहां ग्रामीण लकड़ी जंगलों से भी लाने में कतराते हैं वहीं ऐजेंसियों के टालमटोल रवैये व लागत से अधिक वसूली के साथ दुर्व्वहार झेलना भी इन डांडा धारों में रहने वाले लोगों के लिये नियति बन गयी है। ग्रामीण सात आठ किमी दूर जंगली रास्तों से गैस भराने रोड हेड पर आते हैं तो उनसे मनमाना किराये के साथ दुर्व्वहार भी होता है।लोगों की मजबूरी है कि उनको खून का घूंट पीना पड़ता है गौरतलब है कि इन तीन ऐजेंसियों की प्रतिस्थापी एक एजेंसी यदि दियोड़ में खोल दी जाये तो यहां से रिखणीखाल नैनीडांडा , पोखड़ा, जयहरीखाल ,बीरोंखाल तक के कई गांव लाभान्वित हो सकते हैं एवं यह स्थल सर्वसुलभ भी हो सकता है।पूर्व प्रधान मनबर सिंह का कहना है कि कई बार खाली सिलेंडर लेकर वापस सकनेडी ,रौंदेड़ी जाना पड़ता है जहां स्वयं पैदल जाना ही मुश्किल है ।तैड़िया निवासी सुनीता देवी भी यही कहती है कि जब गैस गाड़ी दुगड्डा से चलती है तो कई बार रथुवाढाब में ही खाली हो जाती है हम दिनभर सड़क पर इंतजार कर रात को वापस खाली जाना पड़ता है यही दुखड़ा पांड की दिक्का देवी का है इसी प्रकार द्वारी ,क्वीराली ,सिलगांव,सतगरिया के लोग भी समस्या से आहत हैं।प्रधान रामेंद्र कुमार , कांडा, रामपाल सिंह,रौंदेड़ी,पू.प्रमुख नैनीडांडा आलमसिंह नेगी,भाजपा नेता व शिकेषाविद् बिश्वंभर दत्त ध्यानी आदि ने शासन को पत्र लिख कर क्षेत्रीय विधायक से मांग की है कि दियोड के आस पास शीघ्र ही गैस ऐजेंसी खुलवायी जाय ।अन्यथा ग्रामीणों को सड़कों पर भी उतरना पड़ सकता है।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट