उत्तराखंड- जनपद पाैडी गढ़वाल में दिनांक १५/१६/१७ मई तीन दिवसीय रिखणीखाल महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं ।जिस हेतु स्थानीय व प्रवासी लोगों ने शहर ,गांव स्तर पर समितियां बनाकर लोगों को संगठित करनें का अहम प्रयास किया है ,वर्षों से रिखणीखाल क्षेत्र में विकास कार्य,आम जनमानस को न मिलने वाली सुविधायें , सड़क , स्वास्थ्य , शिक्षा, सरकारी महकमों से उठते विश्वास ने लोगों को झकझोर कर बेरोजगारी व बेरुखी से अपनी मातृभूमि से विलख कर पलायन को जहां मजबूर किया वहीं दूसरी तरफ इस बयार की वापसी विविध सुधारात्मक पहलुओं की पहल हेतु यह महोत्सव का आयोजन है। जरूरतमंदों की आशाओं व विश्वास को वापस लौटाने ,गांवों की रौनक व चहल पहल की वापसी की अनूठी व चुनौतीपूर्ण पहल है।महोत्सव का उद्देश्य विविध क्षेत्रों में सरकार अच्छी पहल करे व जनता से सीधे संवाद कर हो रहे पलायन के प्रति सचेत करना,खेती बचे ,इस हेतु अनुकूल बीज विपणन्,सुरक्षा ,जानवरों से बचाव ,सिंचाई की व्यवस्था हो,बेरोजगारी हटाने हेतु कुटीर व लघु उद्योग लगें ,शिक्षा ,स्वास्थ्य ,सड़क आदि में अपेक्षित सुधार ,पर्यटन् को बढावा,सरकारी व गैर सरकारी संगठनों का जनता को सहयोग मिले ,स्थानीय समस्या का शीघ्र निराकरण ,जनप्रतिनिधियों जनता के माध्यम से सरकार व शासन को अवगत कराना आदि मुख्य हैं ।
बिखरती व लुप्तप्राय होती सामाजिक , सांस्कृतिक , लोक परंपरायें ,त्यौहार आदि का संरक्षण व संवर्धन् हो सके ।पूरे वैश्विक आधुनिकीकरण में भी रिखणीखाल आज निराशा व नीरसता के गर्त में क्यों? ये सब विचारणीय विषयों को लेकर सांगठनिक एकता संघर्ष से दिन बहुर सकें ।इन अपेक्षाओं को आत्मसात कर यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है ,महोत्व तीन दिवसीय है जिसमें विविध विभागों से संबंधित स्टॉल लगेंगे,प्रदेश के मुख्यमंत्री व काबीना मंत्री विधायक अधिकारी ,आदि प्रचिभाग करेंगे .. रिखणी. महोत्सव के संयोजक देवेश आदमी का कहना है कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से यदि धरातल पर क्रियान्वयन् हो सके व जनता हरेक के दर्द को अपना मानकर निवारण करने को आगे आ जाये तो रिखणी. ही नहीं अपितु गांव से .पंचायत व पंचायतों से ब्लॉक व ब्लॉक से जिले राज्य व देश का पुनर्निर्माण संभव है ।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट