इल्म के चराग से दुनियां की तारीकियों को करो रौशन : मौलाना वसीम अहमद

भदोही। मदरसा जामिया अरबिया तालेमुल कुरआन गणेश पुर ( नई गंज भंवर ) मड़ियाहूं में बीती रात जल्स-ए-दस्तार बंदी व इस्लाहे मआशरा का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस का आगाज क़ुरआने हकीम की तिलावत से कारी नियाज़ अहमद ने किया। उसके बाद कांफ्रेंस में इस्लाही तकरीर करते हुए हजरत मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने कहा इल्म हासिल करो इल्म एक ऐसा चराग है जो दुनिया की तारीकियों को दूर कर देता है इल्म से ही अदब और तहजीब मिलती है। उन्होंने कहा अल्लाह ने अपने प्यारे नबी मोहम्मदुर्रसुलल्लाह को दुनिया मे भेजा।प्यारे आक़ा के दुनिया मे आने से पहले दुनिया अंधेरो की ज़िंदगी गुजरती थी एक दूसरे के लोग दुश्मन थे यतीमो बेवाओं गरीबो कमजोरो को सताया जाता रहा बच्चियों को ज़िंदा दफ्न कर दिया जाता था। प्यारे आक़ा स.की दुनिया मे जलवागरी हुई तो बच्चियों के ज़िन्दगी मिली यतीमो बेवाओं को जीने का हक मिला गरीबो कमजोरो को अब सताया नही जा रहा है लोग के दिलो में मोहब्बत का ऐसा दीप जला कि कोई सिद्दीके अकबर कोई फारूक आजम कोई उस्माने गनी तो कोई हैदरे कर्रार बन कर चमकता हुआ नजर आने लगा।कहा मेरे नबी ने दुनिया वालो को ऐसा दर्स दिया ऐसी मोहब्बत दी ऐसा आदाबे ज़िन्दगी सिखाई कि लोगो की दुनिया ही बदल गई। कहा नबी स.का फरमान है कि अपने पड़ोसियों की हिफाजत करो उनकी मदद करो उन्हें सताया न करो यही मुसलमान का किरदार है। मेम्बरे नूर पे हाफिज मो.सैफ, हाफिज अब्दुस्समद, हाफिज तैयब अली, हाफिजे मो.सैफ नई गंज, हाफिजे अज़हरुद्दीन हुफ्फाज़ो की जमाअत सितारों की मानिंद चमक रही थी लोग उन्हें देख रश्क कर रहे थे उनके मां बाप बारगाहे परवरदिगार में हांथ उठा कर शुक्र अदा कर रहे थे तो वहीं असातजा कराम जो बोरिया नशिनी अख्तियार कर उन तुलबा को जर्रे से आफ़ताबो माहेताब बनाया मसर्रत भरी आंखों से देख दुआएं दे रहे थे। मेम्बरे नूर पे जलवागर शायरे इस्लाम तारिक हाशिम मक़सूद रामिश ने नाते नबी स. पढ़ कर लोगो को झूमने पर मजबूर कर दिया तो वहीं मौलाना अंसार अहमद ने भी इस्लाही तकरीर की। कांफ्रेंस की सरपरस्ती हाफिज अब्दुल वहीद व सदारत मंसूर अली अंसारी तो निजामत मुफ़्ती मुनीर अहमद ने की इस मौके पर जमील अहमद अंसारी फहद अंसारी हाजी सिकंदरे आज़म भदोही, हाजी अहमद अंसारी हाफिजे अफजल इनाम मौलाना जमीरुद्दीन हाफिजे जुबैर आदि लोग रहे तो वहीं मदरसा के सदर हाजी शमीम अंसारी ने आये हुए मेहमानों का खैर मकदम किया।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी

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