बरेली। शहर मे 9वें मोहर्रम पर शनिवार सुबह से ही जुलूस निकलना शुरू हो गए। शिया समुदाय में अजादारी और मातम का सिलसिला चलता रहा। सुबह 9 बजे से मजलिस इमामबाड़ा मुहम्मद शाह गढैया में शुरू हुई। हकीम आगा साहब, गढ्या वसी हैदर, छिद्धि मुहम्मद कंघीटोला, महबूब हुसैन कंघीटोला, दीवानखाना छीपीटोला, कबीर हसन छीपीटोला में भी दिनभर मजलिस का दौर चलता रहा। रात में इमामबाड़ा फतेह अली शाह, काला इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया गया। जहां पर अली अकबर के ताबूत की ज्यारत कराई गई। मजलिस को खिताब करते हुए दिल्ली से आए मौलाना नेमत अली कुम्मी ने हजरत अली अकबर की शहादत को याद कर मसायब बयां किए। जिन्हें सुनकर लोगों की आंखें नम हो गई। अंजुमन ऑल इंडिया गुलदस्ता ए हैदरी के मीडिया प्रभारी शानू काजमी ने बताया कि अंजुमन ऑल इंडिया गुलदस्ता ए हैदरी ने आनंद विहार मरहूम इरम इमामवाड़ा से नौहख्वानी की शुरुआत की। गुलदस्ता ए हैदरी ने भी यहां नौहाख्वानी की स्वालनेगर, किला कटघर, डॉक्टर असद जैदी इमामबाड़ा, संदल खां किला, शबाब हैदर नकवी, इंतेसाब हैदर नकवी, नायव हैदर, वसी हैदर गर्दैया, मरहूम जुर्रियत हुसैन काजमी जखीरा आदि इमामबाड़ों में नौहाख्वानी हुई। महिलाओं ने भी इमामबाड़ों मे नौहाख्वानी मजलिस मातम किया। मोहर्रम की 9 तारीख को उठने वाले मोहर्रम के जुलूस रविवार शाम को बाकरगंज और स्वालेनगर स्थित कर्बला में पहुंचेंगे। शनिवार को शिया समुदाय ने पूरी रात मातम और मजलिस का आयोजन किया। शिया समुदाय के लोगों ने जहां जंजीर, छूरी का मातम किया, वही सुन्नी समुदाय की ओर से ऐतिहासिक ताजिया की जियारत कराई गई। इमामबाड़ों मे हुजूम उमड़ा, वहीं घरो मे नियाज नज्ञ के अलावा तमाम मोहल्लों और गलियों में सबील लगाई गई। शहर में आजमनगर, शाहबाद, पुराना शहर, कांकरटोला, मीरा की पैठ, चक महमूद, सैलाना, किला क्षेत्र, हुसैन बाग, बाकरगंज, जखीरा, करेली, करगैना, मथुरापुर, ट्यूलिया, मलूकपुर आदि इलाकों में जुलूस निकलते रहे। सुन्नी समुदाय देहात से लेकर शहर के विभिन्न स्थानों से अपने तय रास्तों से बाकरगंज कर्बला में ताजिये, छड़ लेकर पहुंचेंगे। जबकि शिया समुदाय मातम जुलूस के साथ स्वाले नगर कर्बला पहुंचेगे।।
बरेली से कपिल यादव