* द्वितीय दिवस शुकदेव, परिक्षित संवाद, कपिल जन्म व सती चरित्र का किया वर्णन
* नव कुण्डीय महायज्ञ में राष्ट्र व समाज के मंगल की कामना कर दीं आहुतियां।
बरेली। शुकदेव जी ने परिक्षित को समझाया कि हम जो धन-सम्पत्ति कमाते हैं या जो पाना चाहते हैं, सारे झगड़े उसके लिए हैं। सभी चाहते हैं कि मेरे पास सब कुछ हो, दूसरों से ज्यादा हो। जबकि ये सारी चीजें यहीं रह जाएंगी, ये बात मनुष्य समझ नहीं पा रहे हैं। यह विचार कृष्णा नगर कालौनी, दुर्गानगर में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के द्वितीय दिवस रविवार को कथा व्यास आचार्य रमाकान्त दीक्षित ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। मुख्य अतिथि नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री विशिष्ट अतिथि बार एसोसिएशन सचिव दीपक पाण्डेय, पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेश पटेल, रवि गोयल, रतन शर्मा, डॉ मनोज मिश्रा, महेश पंडित, विमल पांडेय, आदित्य त्यागी, डॉ उत्कल गुप्ता आदि रहे। इससे पूर्व सुबह 8 बजे से 1 बजे तक नव कुण्डीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ में साधकों ने याज्ञाचार्य नीलेश मिश्रा के सानिध्य में राष्ट्र व समाज के मंगल की कामना करते हुए आहुतियां दी। इस दौरान बनारस, हरिद्वार, वृंदावन, मध्य प्रदेश, आदि स्थानों से पधारे 51 ब्राहाम्ण, डांडी स्वामी, संत महात्मा आदि उपस्थित रहे।
आचार्य रमाकांत दीक्षित ने श्रोताओं को कथा अमृत का पान कराते हुए कहा कि परिक्षित ने
शुकदेव जी से पूछा कि अशांति कैसे दूर करें, शांति पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए। शुकदेव जी ने कहा कि जो लोग अपने इष्टदेव के नाम और उनके मंत्र जपते हैं, भजन, पूजा-पाठ और ध्यान करते हैं, उन्हें शांति जरूर मिलती है। शांति चाहते हैं तो इच्छाएं छोड़कर अपने इष्टदेव के नामों का जप करना चाहिए। मंत्र जाप करने से हमारे मन में जो परिवर्तन होंगे, वे हमें शांत करेंगे। कथा व्यास ने कहा कि अशांति दूर करना चाहते हैं तो सबसे पहले हमें इच्छाओं का त्याग करना चाहिए। जो बातें हमारे नियंत्रण में नहीं हैं, उन पर ध्यान न दें और जो चीजें हमारे पास हैं, उनका आनन्द लें। इसके साथ ही अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करना चाहिए और जप करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं. मन शांत हो जाता है। कथा व्यास ने कपिल जन्म व सती चरित्र भी सुनाया, इस दौरान संगीतमय भजन भी भक्तों को सुनाये, भक्त भाव-विभोर होकर नृत्य करने लगे।
इस अवसर पर अजय राज शर्मा, मीडिया प्रभारी एडवोकेट हर्ष कुमार अग्रवाल, दीपेश अग्रवाल, देव दीक्षित, डॉ. मनोज मिश्रा, संजय शर्मा, पंकज भारद्वाज, सुशील पाठक, प्रवीन अग्रवाल, अनुरंग अवस्थी, सचिन शर्मा, सुभाष अग्रवाल, छाया दीक्षित, विष्णु शुक्ला, मुकेश अग्रवाल, हेमा अग्रवाल, निशि अग्रवाल समेत काफी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।
