बिहार ( विभूतिपुर) समस्तीपुर प्रखंड में आस्था विश्वास और श्रद्धा का महापर्व छठ पूजा का मनोरम दृश्य विभिन्न पूजन घाटों पर देखने को मिला। व्रती बहुत ही श्रद्धा और विश्वास और आस्था से ओतप्रोत देखी गई। हर घाटों पर लोग भगवान भास्कर के दर्शन के लिए प्रतिक्षारत दिखे।
वही प्रखंड के सभी नदियों, तालाबों एवं छोटे छोटे गड्ढों को पोखरा का रूप देकर सजाया गया था। मध्य विद्यालय समर्था का पोखरा , कल्याणपुर उत्तर स्थित दैता पोखर (कल्याणी पोखर) , मुस्तफापुर, बमबैया, सिघिया का बूढ़ी गंडक, मिश्रौलिया, सकड़ा, बोरिया, आदि जगहों पर बहुत ही आकर्षक छटा देखी गई।
शिक्षाविद व प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व अवकाश प्राप्त विद्वान संस्थापक शिक्षक राम शंकर सिंह , समर्था निवासी (राजकीय मध्य विद्यालय, समर्था ) ने कहा ही हर साल प्यार और समरसता और श्रद्धा के साथ हमारे यहाँ छठ पूजा मनाया जाता है। वहीं मिल्की निवासी सह रघुनन्दन उच्च विद्यालय, समर्था के पूर्व प्रधानाध्यापक एवं शिक्षाविद रामनाथ झा एवं उपेन्द्र नारायण सिंह जी ने कहा की भगवान भास्कर के आराधना से सभी लोग स्वस्थ और निरोगी काया प्राप्त करते हैं। छठ पूजा में भाग लेने सुदूर मुंबई शहर से घर आये वरिष्ठ प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि आस्था का पर्व छठ पूजा में लोग स्वच्छता का भी ध्यान रखते हुए भगवान दिनकर से स्वस्थ रखने की कामना लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे मेरा निवेदन है कि स्वच्छ व शुद्ध पर्यावरण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकता है। इसीलिए सभी जन सभी पर्व त्योहारों पर समय निकाल कर एक साथ मिलकर अपने इर्दगिर्द स्वच्छता अभियान चलावें।
हिंदी साहित्य के विद्वान अवकाश प्राप्त शिक्षक मिल्की निवासी रामपुनीत झा, पूर्व काडिनेटर व विद्वान शिक्षक रवीन्द्र कुमार सिंह, समाजसेवी व शिक्षक अवधेश कुमार सिंह, सच्चिदानंद कुमार सिंह अवकाश प्राप्त शिक्षक रघुनन्दन उच्च विद्यालय, समर्था आदि कहा कि पानी के अभाव में तथा पोखरा व तलाबों की दूरी को देखते हुए लोग अब अपने घरों पर ही छोटे छोटे अस्थायी तालाब निर्माण कर श्रद्धा के साथ छठ पूजा कर रहे हैं। सरकार को सूखे तालाबों, व सूखे नदी श्रोतों में भी पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। जो वर्तमान में सामाजिक स्तर पर लोगों द्वारा पानी की व्यवस्था कि जा रही है या कहीं कहीं किसी जन प्रतिनिधि द्वारा।
आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ, समस्तीपुर