नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 35ए की वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर अहम सुनवाई एक बार फिर टल गई है। अब 35ए पर अगले साल सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने सुनवाई स्थगित करने का फैसला किया है।
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस अनुच्छेद की वैधानिकता को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी 2019 को होगी। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एजी केके वेणुगोपाल ने मांग की थी कि सारी सुरक्षा एजेंसियां राज्य में स्थानीय चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
*क्या है आर्टिकल 35-A
आर्टिकल 35-ए को वर्ष 1954 राष्ट्रपति आदेश के जरिए संविधान में जोड़ा गया था। अनुच्छेद 35-ए जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है और राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करने वाली महिला से संपत्ति का अधिकार छीनता है। साथ ही, कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है।