बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। लंबे समय से आरक्षण का इंतजार कर रहे वार्ड प्रत्याशियों का गुरुवार की रात को इंतजार खत्म हो गया लेकिन इस प्रोविजनल आरक्षण ने कई सभासदो के सामने संकट पैदा कर दिया है। निकाय चुनाव मे वार्ड आरक्षण ने कई जनप्रतिनिधियों की मंशा पर पानी फेर दिया है। कई दिग्गज प्रतिष्ठा वाली सीटें हाथ से निकल जाने के बाद यहां अपनी धमक बनाए रखने की जुगत में लग गए है। मौजूदा वार्ड का आरक्षण बदलने से अगर वह चुनाव मैदान में नहीं उतरते है तो उनकी राजनीति समाप्त मानी जा रही है। दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ने पर जीतने की कोई उम्मीद नही हैं। इस संकट मे नगर पंचायत के पांच से अधिक दिग्गज आ रहे है। उधर कुछ ने दूसरे वार्ड की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि आपत्तियों के निस्तारण के बाद अभी फाइनल सूची जारी होनी है। कुछ दावेदार आरक्षण मे बदलाव की उम्मीद मे पहले से ही अपने परंपरागत वार्डों मे तैयारी मे जुटे हुए है। भाजपा इस बार निकाय चुनावों को पूरी ताकत से लड़ने की घोषण कर चुकी है। ऐसे मे टिकट के लिए कड़ा मुकाबला होना तय है। वार्ड आरक्षण के चलते कई नेता अब चुनाव नही लड़ सकेंगे जबकि चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे कई नेताओं की उम्मीदों पर पानी भी फिर गया है।।
बरेली से कपिल यादव