बरेली। आधुनिक दौर में हाथ से बनाएं जाने वाली सजावटी वस्तुओं की मांग लगातार कम हो रही है, लेकिन हाथ से बने सजावटी सामान वक्त के साथ अपनी उपयोगिता को बरकरार रखे हुए है। इस आधुनिक दौर में आम लोगों को प्लास्टिक फाइवर की वस्तु के अलावा और हाथ से बनी हुई स्वदेशी वस्तुएं ज्यादा पसंद आने लगी है। ऐसा ही हो रहा है अर्बन हाट मे यहां इन दिनों हस्तशिल्प प्रदर्शनी मेला लगा हुआ है। इस प्रदर्शनी में हाथ से बनी हुई वस्तुओं को बेचने के लिए लोग दूर-दूर से आए हुए है। जिससे हाथ से बनी हुई मेज, कुर्सी, सोफा, अलमारी, बैड़ गंम से बनाकर तैयार हो रही है। इसके अलावा इस प्रदर्शनी में तरह-तरह के चीनी मिट्टी के गमले और घर को सजाने के लिए इंटीरियल भी हाथ से सजे हुए खूब बिक रहे हैं। चीनी मिट्टी से तैयार गमले जिन पर हाथ से की नक्काशी लोगों को खूब भा रही है। जो लोगों को बेहद पसंद आ रही है। मेले में फरुर्खाबाद के रहने वाले पंकज कुमार और धर्मवीर राजपूत मिट्टी और चीनी के बर्तन का फड़ लगाए हुए हैं। उन्होने बताया कि इन सजावटी सामान को बनाते हैं। वे बताते हैं कि इन वस्तुओं को बनाने के लिए उनके परिवार में पंद्रह लोग हैं, जो दिन रात मेहनत करके मिट्टी से घर को सजाने वाले कई तरह के साजो सामान बनाते हैं। वस्तु के आकार और उसकी सजावट के अनुसार एक वस्तु बनाने पर कम से कम तीन दिन का समय लगता है। लोगों को आकर्षित करते है। मौजूदा समय मे कोरोना काल के बाद से ही अब तक उनके सामान की बिक्री आधी से भी कम रह गई है। अब फिर से बढ़ा संक्रमण उन्हे सताने लगा है। कोरोना संक्रमण एक बार फिर से अपने पैर पसाराने लगा है। लगातार संक्रमितों की बढ़ती संख्या की वजह से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बढ़ते कोरोना का खौफ लोगों में भी डराने लगा है। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से कई प्रदेश के तीन जिले सहित अन्य प्रदेशों में लॉकडाउन लग चुका है। इसको लेकर हस्तशिल्प कारीगरों भी खौफ में हैं। क्योंकि लॉकडाउन में उनकी आमदनी पर पूरी तरह से रोक लग जाता है।।
बरेली से कपिल यादव