आधी रात को नए राशन कार्ड बनाने में वसूली का खेल

बरेली। आपूर्ति विभाग में मनमानियां रुकने का नाम नहीं ले रही है। कोटेदार तो राशन वितरण में मनमानी कर ही रहे हैं, वहीं विभागीय अफसर और कर्मचारी भी धांधली पर उतर आए हैं। अगर आपको नया राशन कार्ड बनवाना है तो हजार रुपए में बनेगा वह भी आधी रात को। आपूर्ति विभाग की धांधली को लेकर पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र की विधानसभा बहेड़ी में कोटेदारों के खिलाफ लंबा चौड़ा पत्र डीएम को लिख चुके हैं। पूरे जिले में राशन कोटेदार बेलगाम है। कोरोना काल में गरीबों में निशुल्क वितरण के लिए आए लाखों कुंटल खाद्यान्न को ठिकाने लगाया जा रहा है। अब एक नया खेल शुरू हो गया है। नए राशन कार्ड बनाने को जिले को दस हजार कार्ड का लक्ष्य मिला था। बड़ी संख्या में बाहरी रह रहे मजदूरों के वापस आने और फ्री खाद्यान्न के चक्कर में यह दस हजार का कोटा आनन-फानन में भर गया। अब कोई जरूरत मंद अगर नया राशन कार्ड बनवाने आपूर्ति विभाग के दफ्तरों में जाता है तो उसे नए कार्ड नहीं बन रहे हैं कहकर लौटा दिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं है अगर नया राशन कार्ड बनवाने के लिए आपकी जेब में एक हजार हैं तो आपका राशन कार्ड बन जाएगा वह भी आधी रात को। दरअसल शिकायत के आधार पर जांच के बाद लगभग प्रतिदिन ही जिले में दो या चार राशनकार्ड निरस्त किए जाते हैं। निरस्त किए गए कार्ड के स्थान पर नए राशन कार्ड बनाने के बाद आपूर्ति विभाग सभी से छुपाए रहता है जो राशन कार्ड कैंसिल होता है। उसका विवरण विभागीय पोर्टल पर रात 12 बजे अपडेट होता है। बस पोर्टल पर अपडेट होते ही आधी रात को 12 से 2 बजे के बीच तुरंत ही निरस्त कार्ड के स्थान पर नए कार्ड की डिटेल भर दी जाती है। यह वही कार्डधारक होते हैं, जिनसे विभागीय कर्मचारी सांठगांठ कर लेते हैं।।

बरेली से कपिल यादव

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