बरेली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की तृतीय वाहिनी मे कांस्टेबल (जीडी) भर्ती में फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सहारे तीन युवतियों ने नौकरी प्राप्त कर ली। चयन प्रक्रिया पूरी होने पर दस्तावेजों के सत्यापन में कागजात फर्जी पाए गए। इस पर आईटीबीपी के दंडपाल ने मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की। एसएसपी के आदेश पर कैंट पुलिस ने तीनों युवतियों के खिलाफ अलग अलग रिपोर्ट दर्ज की है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है। आईटीबीपी की तृतीय वाहिनी मे कांस्टेबल (जीडी) के पद पर हुई भर्ती के बाद दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इसमें पाया गया कि असम के कछार जिले की रहने वाली रोशनी प्रजापति ने चयनित होने के बाद निवास प्रमाण पत्र दस्तावेजों के साथ दिया था लेकिन उपायुक्त कार्यालय कछार सिलचर की रिपोर्ट मे यह प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी पाया गया। इसी तरह पार्वती कुमारी ने असम के नगांव जिले का स्थायी निवास प्रमाण पत्र जमा किया था, लेकिन सत्यापन में पता चला कि उक्त प्रमाण पत्र न तो संबंधित कार्यालय की तरफ से जारी किया गया और न ही वह उस पते पर स्थायी रूप से निवास करती है। जबकि, प्रीती यादव ने भी कछार जिले के डूलोग्राम क्षेत्र का प्रमाण पत्र जमा किया था जो जांच में गलत पाया गया। उनके प्रमाण पत्र को भी जिला प्रशासन ने अमान्य घोषित कर दिया। तीनों अभ्यर्थी कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ) की तरफ से आयोजित वर्ष 2024 की कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा के माध्यम से चयनित हुई थी। दस्तावेजों की सत्यापन मे फर्जीवाड़ा सामने आते ही आईटीबीपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सीओ प्रथम आशुतोष शिवम ने बताया कि दंडपाल की तरफ से फर्जी निवास प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी हासिल करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी गई थी। तहरीर के आधार पर तीनों महिला अभ्यर्थियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही फर्जीवाड़ा करने वाली तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव