बरेली। लोकसभा चुनाव मे आंवला से तीसरी बार धर्मेंद्र कश्यप पर भरोसा जताया है। 2014 और 2019 के चुनाव मे वह इसी सीट से जीत हासिल कर चुके है। इस बार तीसरी बार मैदान मे होंगे। वही बरेली सीट का पेंच फिलहाल उम्र मे फंसा माना जा रहा है। यहां से मौजूदा सांसद संतोष गंगवार प्रमुख दावेदारों में तो है मगर इस सीट पर अभी मंथन के बाद ही नतीजा निकलेगा। भाजपा के 75 प्लस फार्मूले के चलते बरेली सीट को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं मे चर्चाएं तो पहले से ही हो रही थी। कहा जा रहा था कि पार्टी अगर इसी फार्मूले पर रही तो प्रत्याशी बदल भी सकती है। इन बातों को तीन साल पहले 2021 मे उस समय और हवा मिल गई थी कि जब संतोष गंगवार का श्रम एवं रोजगार मंत्रालय गया। अब शनिवार को जारी हुई भाजपा की पहली सूची मे बरेली पर स्थिति साफ नही होने से इन चर्चाओं को और बल मिल गया है। इधर भाजपा मे प्रदेश सह संयोजक शिक्षा प्रकोष्ठ हरिशंकर गंगवार और जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ संयोजक विजय गंगवार ने भी दावेदारी की है। चर्चा मे मेयर उमेश गौतम का नाम भी है। मगर उनके खेमे से इस पर कुछ बोलने को तैयार नही है। करीब दो महीने पहले पूर्व विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल ने भी शहर मे होर्डिंग लगवाए थे। इससे माना जा रहा है कि वह भी बरेली लोकसभा सीट पर दावेदारी कर रहे है। ऐसे मे करीब तीन दशक बाद बरेली सीट पर समीकरण बदले हुए दिखाई दे सकते हैं। टिकट की घोषणा न होने पर सांसद संतोष गंगवार का कहना है कि उन्हें पार्टी पर पूरा भरोसा है। कहा कि सिर्फ बरेली की ही बात क्यों अभी तो बदायूं और पीलीभीत पर प्रत्याशी की घोषणा नही हुई है।।
बरेली से कपिल यादव