बिहार- वैशाली जिला के बिदुपुर अंचल कार्यालय में पिछले 5 साल से पूर्व का भी भूमि विवाद का रिकॉर्ड देखा जाये तो साफ-साफ दिख जाएगा। आखिर क्या है बिदूपुर अंचल कार्यालय की कानून व्यवस्था। यहां जितने भी अंचलाधिकारी आए हैं वे पैसे की बोरी भर भर कर चले गए। लेकिन यहां एक भी ऐसा भूमि संबंधित आवेदन नहीं मिला जहां अंचलाधिकारी के नेतृत्व में मामले की निपटारा निष्ठापूर्वक किया गया हो। अंचल कार्यालय में प्रतिदिन दलालों का अड्डा बना रहता है। छात्र-छात्राओं को जाति आवासीय,राशन कार्ड के लिए आवेदन करना हो या दाखिल-खारिज का मामला हो या जमीन मापी का यहां छोटे बड़े पदाधिकारी अपने पद और गरिमा की सौदे के लिए बैक डोर से रिश्वत की मांग करते हैं। यहां पीड़ितों की न्याय दिलाने की बात नहीं होती हैं सिर्फ पैसे वाले की खातिरदारी की जाती है।
जमीन मापी के लिए ठेके पर बहाल है अमीन–
बिदूपुर अंचल कार्यालय में अक्सर भुमि विवाद को लेकर की जाने वाली जमीन मापी तक सरकारी अमीन के बजाए ठेके पर बहाल किये गए अमीन से मापी कराया जाता है। यहां सरकारी अमीन पद पर स्थापित रामनरेश मित्रा है लेकिन वे राघोपुर अंचल कार्यालय के कर्मचारी के रूप में काम करते हैं जिसकी वजह से वे ज्यादा कर के राघोपुर अंचल कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं इनकी एवज में बिदूपुर प्रखंड के अमीन पद पर ठेके पर बहाल किए गए अमीन से जमीन की मापी कराई जाती है।
क्या है मामला–
बिदुपुर अंचल कार्यालय से गुरुवार को विजिलेंस विभाग ने एक रिश्वतखोर सरकारी अमीन को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी अमिन को विजिलेंस विभाग की टीम ने रंगे हाथ दस हजार की रिश्वत लेते काबू किया है। बताया जाता है कि अंचल कार्यालय में ही सदुल्लापुर निवासी हरि भगवान शर्मा से जमीन मापी के नाम पर घुस ले रहे आरोपी अमीन रामनरेश मित्रा को नगरानी विभाग की टीन ने दबोच लिया और साथ में लेते चला गया। छापेमारी के नेतृत्व कर रहे थे निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर ईश्वर प्रसाद ने बताया कि सहदुल्लापुर धबौली निवासी अरे भगवान शर्मा से जमीन मापी के लिए दस हज़ार रुपये दोगे तो मैं जमीन मापी कर सेंगे। और वादी हरि भगवान शर्मा से रिश्वत लेते दबोच लिया गया। उनके साथ डीएसपी विनय कुमार सिंह व जहांगीर अंसारी के साथ अन्य पुलिस दल बल के साथ पदाधिकारी भी शामिल थे। इधर गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही सभी सरकारी दफ़्ततरों के पदाधिकारी और कर्मचारियों में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को भी मिला। सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी अपनी वाहन कार्यालय के कैम्पस में ही छोड़ कर कार्यालय से फरार हो गये। यहां तक के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी दुनियालाल राय ने भी अपनी दफ्तर में नजर नहीं आए।
-नसीम रब्बानी ,पटना /बिहार