अवैध रूप से बसायी जा रही सैकड़ों आवासीय कॉलोनियों पर कैसे लगे रोक

राजस्थान/बाड़मेर- बाड़मेर जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से लेकर शासन सचिवालय और जिला स्तर से लेकर उपखंड अधिकारियों और तहसीलदार कार्यालयों सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की टेबलों पर हजारों ऐसी शिकायते जिसमें कृषि भूमि का बिना विधिक रूप से भू-उपयोग परिवर्तन कराए गैर कृषि उपयोग किया जा रहा है, और इसके लिए पूर्व जिला कलक्टरो ने भी तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के दिशा निर्देश जारी किया गया था वो आनलाइन सिस्टम की भेंट चढते हुए टेबल दर टेबल भौला राम के जीव की तरह भटकते हुए ही रद्दी की टोकरी में चला जाए तो फिर कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कृषि भूमि पर सैकड़ों कालोनियों के रूप में धरातल पर हजारों आवासों सहित सरकार द्वारा मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए बड़ी बड़ी आबादियों का सैलाब उमड़ा लेकिन सरकारी राजस्व रिकॉर्ड में आज भी कृषि भूमियों का ही दर्जा मिला हुआ है कारण सभी को मालूम है लेकिन कार्यवाही होनी चाहिए या फिर ना ये तो वर्तमान विकास की और अग्रसर नूवो बाड़मेर बनाने की दौड़ में विश्व पटल पर इन्दोर को पछाड़कर क्लीन बाड़मेर को पहले नम्बर पर लाने की कोशिश में लगे हैं, बहुत ही शानदार प्रयास किया है बाड़मेर जिले के लिए चलो कोई तो हमारे पिछड़े हुए बाड़मेर जिले का नाम रोशन करने की कोशिश तो कर रहे हैं। लेकिन कृषि भूमि पर दो चार दशकों से बसी आबादी के हजारों परिवारों को राहत देने के लिए
जिला कलेक्टर टीना डाबी और सरकारी राजस्व विभाग के अधिकारियोंं की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है की इनके लिए कोई ठोस कदम उठाने के साथ ही इन्हें भी भूमिहीन परिवारों की तरह न्यूनतम राशि जमा करने के बाद में नगर परिषद बाड़मेर द्वारा पट्टे जारी होने चाहिए ।

जिला कलक्टरो ने समय समय पर जारी दिशा निर्देशों के साथ ही सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया था कि बाड़मेर जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का बिना विधिक रूप से भू-उपयोग परिवर्तन कराए गैर कृषि उपयोग किया जा रहा है साथ ही आवासीय कॉलोनी काट कर भूखंडों का विक्रय करना विधि के विरूद्ध है। इससे न केवल बेतरतीब विकास बाधित होता है, बल्कि राज्य सरकार को सीधे तौर पर राजस्व की हानि भी होती है। और कई गरीब लोग अवैध कॉलोनी काटने वालो के द्वारा अक्सर ठगे भी जाते है।

उन्होंने बताया कि ऐसे में राजस्व कार्मिको की लापरवाही न केवल अवैध कृत्य को बढ़ावा देती है। अपितु प्रत्यक्षतः राज्य हित को प्रभावित भी करती है। बाड़मेर के पूर्व जिला कलक्टर ने राजस्व कार्मिको को निर्देशित करते हुए कहा था कि कि उनके क्षेत्र में इस तरह अवैध गतिविधि नहीं हो तथा भूमि का नियमानुकुल समुचित उपयोग राज्य हित में तथा जनहित में सुनिश्चित हो। अब तक ग्रामो एवं शहरी क्षेत्रो में जो इस तरह की अवैध कार्यवाही हुई है उनकी सूची तैयार करवाकर तहसीलदार स्तर से कार्यवाही प्रस्तावित की जावे। उन्होंने सभी तहसीलदारों को व्यक्तिगत रूप से मोनीटरिंग करने तथा नियमित रूप से इस कार्यालय को रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि यदिकिसी भी राजस्व कार्मिक के क्षेत्र में ऐसी गतिविधि पायी जाती है और उनके द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है तो उनके विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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