बरेली। विश्व प्रसिद्ध दरगाह खानकाह नियाजिया के प्रबंधक हाजी शब्बू मियां नियाजी का मंगलवार की देर शाम निधन हो गया था। बुधवार को हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ मोहम्मद सिब्तैन उर्फ शब्बू मियां नियाजी को अंतिम विदाई दी। ख्वाजा कुतुब की गलियों से उनका जनाजा उठा तो लोग दहाड़े मारने लगे। हर किसी की आंख नम हो गई। घरों की छतों पर उनके जनाजे की आखिरी झलक पाने को महिलाएं और बच्चे जमा हो गए। मंगलवार शाम बुधवार की दोपहर सज्जादानशीन हजरत मेहंदी मियां ने खानकाह-ए-नियजिया परिसर में ही जनाजे की नमाज अदा कराई। नमाज के बाद दुआ की गई। खानकाह से अकीदत रखने वाले हजारों लोग शामिल हुए। जनाजे में शामिल होने के लिए दिल्ली, मुंबई, आगरा, अजमेर शरीफ से भी शब्बू मियां के चाहने वाले आए। गमगीन माहौल में गरीब नवाज मस्जिद परिसर स्थित खानकाही कब्रिस्तान में शब्बू मियां को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके जनाजे में तमाम लोग रोते बिलखते नजर आए। शहर की तमाम हस्तियां उनको आखिरी विदाई देने के लिए पहुंचीं। शब्बू मियां के निधन पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा उत्तर प्रदेश और हज कमेटी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से डॉ. हुदा ने कहा कि उनकी कमी हमेशा खलेगी। बरेली की पाक सरजमी पर कौमी एकता के अलमदार, हजरत शाह नियाज बे नियाज के रूहानी पेशवा का यूं रुखसत हो जाना बरेली ही नही बल्कि पूरी दुनियां में इंसानियत से मोहब्बत करने वालो को गमजदा कर गया। वही बरेली की नायाब शख्सियत शब्बू मियां सौहार्द और मोहब्बत की मिसाल थे। उन्होंने खानकाह-ए-नियाजिया के मुंतजिम की जिम्मेदारी संभालते हुए दीन-दुनिया के तमाम काम को अंजाम दिया। माना जाता है कि वह इंसानियत के अलमबरदार रहे और सूफी विचारधारा के संदेश को आगे बढ़ाते हुए हर एक को गले लगाया। वह सभी मिलने वालों का दिल जीत लेते थे। धर्म, संप्रदाय, जाति-बिरादरी, ऊंच-नीच और सियासी मतभेद से ऊपर उठ कर उन्होंने हर एक को अपनाया और सब के लिए दरवाजे खुले रखे। हर परेशान हाल की मदत के लिए हमेशा खड़े रहते थे। उन्हें देश-विदेश में होने वाली बड़ी-बड़ी सूफी कॉन्फ्रेंस में उन्हें आमंत्रित किया जाता था। उनके भाई जाहिद मियां नियाजी ने बताया कि शब्बू मियां पूर्व सज्जादा हजरत शाह हसनी मियां नियाजी के खलीफा रहे और 45 साल तक खानकाह के निजाम को बखूबी संभाला। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने भी दुख का इजहार किया। समाजवादी पार्टी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर दुख जताया है।।
बरेली से कपिल यादव