अमृत सरोवर तालाबों के निर्माण कार्य में दहाड़ रही ग्राम पंचायतों में जेसीबी मशीन:मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

*फर्जी मस्टर से निकाली जा रही राशि

*तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्य में दिनदहाड़े दिन के समय चलाई जा रही जेसीबी मशीनें 100 दिवसीय रोजगार की मंशा पर फिर पानी मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ

मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा -शासन ने मजदूरों की आर्थिक समस्या दूर करने और रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा योजना में मशीनों से काम करने पर प्रतिबंध लगाया है जिससे मजदूरों को एक बार फिर रोजगार मिलने की उम्मीद जागी थी लेकिन ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार रोजगार सहायक सचिव सरपंच और सचिव व जनपद में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत से शासन की योजनाओं पर पानी फेर रहे हैं जिससे जहां मजदूरों को काम नहीं मिल रहा तो वहीं बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है पिछले साल कोरोना काल की वजह से लॉकडाउन लगाया हुआ था जहां अन्य प्रदेशों के शहरों रह रहे कई मजदूर बाहर से आकर वापस अपने गांवों रह रहे हैं लेकिन गांव में भी उनको रोजगार नहीं मिल पा रहा है सबसे अधिक परेशानी उन मजदूरों को हो रही है जिनके पास आय का दूसरा साधन नहीं है और मजदूरी करके ही अपने परिवार का पालन करते हैं जहां एक और शासन के निर्देश अनुसार मनरेगा योजना अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्य को गांव में ही रहने वाले मजदूरों से करवाया जाए लेकिन दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीनों से निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसकी जानकारी जनपद में बैठे अधिकारियों के साथ नेताओं और जिले के अधिकारियों को भी है लेकिन कोई इस और मजदूरों के हक के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं शासन के निर्देश है कि ग्राम पंचायतों में रजिस्टर्ड मजदूरों को कम से कम 100 दिन रोजगार देना अनिवार्य है लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं होता दिखाई दे रहा है सभी ग्राम पंचायतों में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन दहाड़ रही है
ग्राम पंचायतों में चल रहा है अमृत सरोवर तालाबों व तलैयों का काम

ज्ञातव्य है कि आजादी के 75 वीं सालगिरह पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमर शहीद बलिदानों की अमर गाथा को याद रखने के उद्देश्य वर्षों के जल को संचित करने एवं जल क्रांति को जागृत करने को देश से अमृत सरोवर तालाब योजना लागू की गई है जिसके तहत दमोह जिले में सभी ग्राम पंचायतों में नवीन तालाब का निर्माण किया जाना है जिसके तहत जनपद पंचायत तेन्दूखेड़ा की ग्राम पंचायतों में नवीन तालाब वर्तमान में स्वीकृत किए गए हैं जिसमें सरपंच सचिव व अधिकारियों की मिलीभगत से भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है गौरतलब है कि अमृत सरोवर तालाब के निर्माण कार्य में जमीन की सतह पटल को खोदकर उसमें काली मिट्टी से नींव को भरा जाना है और काली मिट्टी में रोलर से कम्पेक्शन करके नींव को मजबूत किया जाना है लेकिन तालाबों के निर्माण कार्य में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है मशीनों से मिट्टी को खोदकर चारों तरफ बंधान बनाई जा रही है लेकिन काली मिट्टी के गोले बनाकर नीव भराई का काम किसी भी तालाब पर नहीं किया गया है साथ ही सभी ग्राम पंचायतों में मजदूरों को काम ना देकर जेसीबी मशीनों से कार्यों को कराया जा रहा है
मजदूरों के नाम पर मशीनों से काम
ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में गरीब मजदूरों के नाम पर जमकर खेल खेला जा रहा है गरीब और बेसहारा लोगों के नाम पर ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव और जनपद में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत से तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में मजदूरों के नाम पर सिर्फ मशीनों के काम कराया जा रहा है और कागजों के फर्जी मस्टर रोल में मजदूरों को दर्शाया जाता है तेन्दूखेड़ा ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है इस पर जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं असल में नीचे से लेकर ऊपर तक मिलीभगत के चलते मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है ग्रामीणों के हक पर डाका डालकर बड़े स्तर पर गड़बड़ी हो रही है मजदूर खाली हाथ घर बैठे हुए हैं वहीं पंचायत के पदाधिकारियों व दबंग किस्म के लोगों द्वारा विभिन्न हथकंडे अपना कर मनरेगा की राशि बंदरबांट की जा रही है विभिन्न तरीकों से मजदूरों के काम पर सेंधमारी हो रही है जानकारी के अनुसार जो काम मजदूरों के लिए निर्धारित है उन्हें मशीनों से कराया जा रहा है इस मामले में भुगतान मजदूरों के खातों में ही होता है लेकिन मजदूरों के खातों में राशि आने के बाद उसे निकालकर मशीनों का भुगतान किया जाता है कागजों में भले ही मजदूरों को काम मिला हो लेकिन वास्तविकता में मजदूरों को काम नहीं मिलता है मजदूरों के हक पर किस कदर डाका डाला जा रहा है इसका अंदाजा विभिन्न ग्राम पंचायतों में आए दिन डाले जाने वाले मस्टर रोल से लगाया जा सकता है योजनाओं के तहत मंजूर होने वाले विकास कार्यों में आकलन लगाकर कार्य दिवस तक होते हैं और उसी हिसाब से मजदूरों को काम मिलता है लेकिन तेन्दूखेड़ा ब्लॉक में यह सब होता तो है लेकिन मजदूरों को काम नहीं मिलता या मिलता है तो उसमें भी बड़ी गड़बड़ी होती है इसी तरह अमृत सरोवर निर्माण कार्य में जेसीबी मशीनों से सभी ग्राम पंचायतों में कार्यों को कराया जा रहा है।

– विशाल रजक , तेन्दूखेड़ा

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