अधूरे शौचालय बने ग्रामीणों के लिए परेशानी: 75 फीसदी जा रहे खुले में निस्तार

*तेंदूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत माड़नखेड़ा का मामला सरपंच सचिव व अधिकारियों की मिलीभगत से शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार

मध्यप्रदेश/ तेंदूखेड़ा- गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए शासन प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर शौचालय बनाए गए हैं लेकिन इनके निर्माण में एजेंसी द्वारा गड़बड़ी करने और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को लाभ नहीं मिला पा रहा है कई शौचालय तो कागजों में बन गए हैं वही जो बने हैं वे बेकाम है अब लोग उनका उपयोग सामग्री व कबाड़ रखने के लिए कर रहे हैं ऐसा ही हाल तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत माड़नखेड़ा का है इस ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगों के नाम पर शौचालय तो बने हैं लेकिन इनमें अधिकतर अधूरे और जर्जर हो गए हैं कुछ तो कागजों में बना दिए गए हैं हितग्राहियों ने बताया कि उनके नाम पर शौचालय स्वीकृत हुआ था जिसे करीब 12हजार रुपए की लागत से बनाया जाना था लेकिन सरपंच सचिव ने अधूरा निर्माण किया इस कारण मजबूरन लोगों को खुले में निस्तार के लिए जाना पड़ रहा है इन अधूरे शौचालयों को पूर्ण बताकर राशि आहरण कर ली गई मामले की शिकायत संबधित विभाग के अधिकारियों से की है पर किसी ने जांच करना उचित नहीं समझा इन शौचालयों को वर्ष 2017-2018व 2019मेंं बनाया गया था कुछ का तो सिर्फ कागजों में निर्माण कर राशि निकाल ली गई है
शौचालयों के ऐसे हाल
ग्राम पंचायत माड़नखेड़ा में जो शौचालय बने हैं वह सभी बेकाम है ज्यादातर शौचालय छतिग्रस्त होकर गिर चुके हैं कुछ शौचालयों में तो निर्माण से अब तक दरवाजे वॉसवेसन और सीट तक नहीं लगी है वही कुछ शौचालयों की दीवारें अधूरी है तो कुछ छप्पर ही नहीं डाला गया है इस कारण ग्रामीण अब उनका उपयोग कबाड़ व सामग्री रखने में कर रहे हैं
ग्रामीणो ने बताया कि ग्राम पंचायत माड़नखेड़ा में हुए अन्य विकास कार्य भी शौचालय की तरह ही है जो धरातल पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति के लिए किए गए हैं सीसी रोड नाली निर्माण अतिरिक्त कक्ष चबूतरे सहित मनरेगा योजना में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है अन्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं होने के कारण समय से पहले ही जर्जर हो गए हैं ग्रामीणों ने उक्त कार्यों की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच करने की मांग की है इस.संबंध में जब ग्राम पंचायत के सचिव भानु सिंह राजपूत से बात करना चाहा तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।

– विशाल रजक तेंदूखेड़ा

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