आगरा- वृंदावन में हृदय योजना के तहत यमुना किनारे चल रहे सौंदर्यीकरण में बाधक बन रहे अतिक्रमण को गुरुवार को हटाया गया। इस दौरान प्रशासनिक अफसरों से लोगों की झड़प भी हुई। एक महिला ने कोतवाल का गिरेबां पकड़ लिया, तो वहीं परिवार का युवक जेसीबी पर चढ़ गया। मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
गुरुवार की दोपहर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में नगर निगम के अधिकारी पुलिस बल के साथ बिहार घाट पहुंचे। यहां गब्बर निषाद द्वारा प्राचीन घाट पर किए गए कब्जे को हटाने का काम शुरू किया गया, जिससे महिलाएं और पुरुष उग्र हो गए। महिलाओं ने खुद को कमरों में बंद कर लिया, जबकि युवक जेसीबी मशीन पर चढ़ गए।
पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने पर मामला बिगड़ गया। महिलाओं ने सिटी मजिस्ट्रेट और कोतवाल से बदसलूकी कर दी। एक महिला ने कोतवाल का गिरेबांन पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस ने लाठियां फटकारते हुए परिवार के आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों ने मकान के अंदर रखा सारा सामान निकालकर बाहर किया। इससे यमुना किनारे बसे लोगों में हड़कंप मच गया।
शाम तक पूरे कब्जे को जेसीबी से ढहा दिया गया। कार्रवाई के दौरान नगर आयुक्त समीर वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार सिंह, नगर उपायुक्त राजकुमार मित्तल, श्रीगोपाल वशिष्ठ मौजूद रहे। सरकारी काम में बाधा डालने पर पुलिस ने गब्बर सिंह निषाद, गोविंद, कृष्णा, गीता, कांता, रानी, बबिता और गोविंद द्वितीय को शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। परिवार के साथ दो वर्ष का बच्चा भी शामिल है। जो उनके साथ थाने में बैठा है।
नगर निगम की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। गब्बर का कहना है कि यह उनकी पुश्तैनी भूमि है, जिसे प्रशासन अपनी बता रहा है। इस जमीन पर कई दशकों से उनका परिवार रह रहा है। प्रशासन ने कोई कोर्ट का आदेश भी नहीं दिखाया। आरोप है कि पुलिस उसके परिवार और बच्चों के साथ बेरहमी से पेश आई। महिलाओं के बाल खींचे और घर का सामान बाहर फेंक दिया गया। उधर, सीओ सदर रमेश कुमार ने आरोपों को निराधार बताया।