अगले जन्म में मुझे बेरोजगार स्टुडेंट्स न बनावें: बेरोजगार युवाओं की मन की बात

*आप तो इतने अनुभवी हैं, मुझे बता दीजिए कि किस सरकार में साढ़े 3 लाख के लगभग नौकरियां लगी हैं :अशोक गहलोत

बाड़मेर/राजस्थान – हमने अपने दूसरे कार्यकाल में 1 लाख 17 हजार नौकरियां दे दीं, 1 लाख 25 हजार नौकरियां प्रोसेस के अंदर हैं, इंटरव्यू हो रहे हैं, एग्जाम हो रहे हैं और 1 लाख की हमने घोषणा कर रखी है। तो मुझे बता दीजिए कि आप जो आंकड़े दे रहे हो कि इतने खाली, इतने खाली, इतने खाली, आपके वक्त में खाली नहीं रहे थे क्या ? खाली हमेशा ही रहते हैं, भरने की प्रक्रिया होती है, आपने खुद ने स्वीकार किया कि हमने ट्रांसपोर्ट फ्री किया, खाली ट्रांसपोर्ट ही फ्री नहीं किया, हम लोगों ने बाकायदा जिला कलेक्टर्स को कहकर, जिसका आपने भी हिंट दिया था कि जनता ने साथ दिया, मैं मानता हूं, हमने खुद ने तय किया कि खाली रोडवेज में ही नहीं, प्राइवेट बसों का किराया भी हम ही देंगे, करीब 26 लाख हमारे अभ्यर्थी थे, कहां रुकेंगे रात को, कहां खाना खाएंगे, व्यवस्था की कलेक्टर्स को कहकर, आप लोगों ने भी उसमें सहयोग किया सबने, खाना भी मिला उनको, रहने की व्यवस्था भी की, लेकिन पेपर लीक हो गया, पेपर लीक हो गया। पेपर लीक तो वैसे सब राज्यों में हो रहे हैं आजकल , वो अलग बात है, आप कहेंगे कि साहब वहां हो रहे हैं तो यहां भी होना जरूरी है क्या ?

मैं मानता हूं आपकी बात को, पर मैं एक बात कहना चाहूंगा आपको कि पेपर लीक हो रहे हैं, हां पेपर लीक तो हो रहे हैं गुजरात में, बिहार में, आंध्रप्रदेश में, उत्तराखंड में, पश्चिम बंगाल में, उत्तर प्रदेश में, हिमाचल प्रदेश में, सब जगह हुए हैं और आपके वक्त में भी 13 बार पेपर लीक हुए। हमने पहला राज्य राजस्थान है जिसमें हमने उन लोगों को जेल के सींखचों में बंद किया है, राजस्थान वो पहला राज्य है, हमने उनकी बिल्डिंग्स को ध्वस्त किया है, हमने इसी असेंबली के अंदर कानून पास किया है, हमने बर्खास्त किया है नौकरियों से, किस राज्य ने किया है बता दीजिए आप ?

आपके वक्त में तो, आपको शायद मालूम होगा, गृह मंत्री थे आप, 80 लोग आपके सब इंस्पेक्टर के अंदर पेपर आउट हो गया, नौकरी में चले गए, बताइए आप, नौकरी में चले गए, उसकी प्रेस कटिंग मेरे पास में 2014 की है, 80 लोग चले गए नौकरी के अंदर फर्जी, पेपर आउट होने के बाद में पढ़कर . राज्यसभा के जो धरने पर बैठे हुए हैं, मैं पूछना चाहूंगा, ये मुद्दा ऐसा है जिसमें पक्ष-विपक्ष की बात नहीं होती है, ये मुद्दा ऐसा है, राष्ट्रव्यापी समस्या है, कैसे इस समस्या को हल करें ?

आप जो सुझाव देंगे, हम मानेंगे उसको, हम चाहेंगे कि अभ्यर्थी का भविष्य, पढ़ता है, कोचिंग करता है, व्यर्थ नहीं जाना चाहिए, पर जिस प्रकार से पेपर आउट हो रहे हैं, सरकार की तरफ से, एसओजी की तरफ से कोई कमी रही हो, उसकी आप हमें बताएं, हम उसको मिलकर दूर करेंगे। इतना बड़ा इश्यू है, आज ऐसा . हो गया है कि हमारे कुछ साथी तो बेरोजगारों को लेकर ही आंदोलन करने लग जाते हैं नौकरी देने के लिए, भड़काते हैं, वो कब पढ़ाई करेंगे ? सड़कों पर अगर आएंगे वो लोग तो पढ़ाई कब करेंगे वो लोग ? बच्चे कब पढ़ाई करेंगे ? बच्चों को तो कोई नेता मिलना चाहिए, वो उत्तेजित हो जाते हैं, यही स्थिति राजस्थान में बनी है। नेता हमारे राज्यसभा के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लेकर बैठे हुए हैं धरने पर लोगों को, क्या तुक है ? सरकार ने कोई कमी रखी है, सीबीआई क्या कर लेगी जांच करके ? सीबीआई ने कोई जांच पहले भी की है क्या ? कितने राज्यों में सीबीआई को जांच दी गई है ? और तो और यूपी के अंदर तो जो एजेंसियां हैं उन्होंने मना कर दिया है कि हम तो पेपर को हाथ ही नहीं लगाएंगे, पेपर लेंगे ही नहीं हम तो, एग्जाम ही नहीं करवाएंगे, ऐसी स्थिति में हम चल रहे हैं। हम चाहेंगे कि इस पर पक्ष और विपक्ष मिलकर तय करें कि कैसे हमें, चाहे कमेटी बनानी पड़े, अध्यक्ष महोदय आपकी भी इच्छा थी, कमेटी बने, कुछ भी बने, हमें मंजूर है, पर किसी भी कीमत पर पेपर आउट नहीं होने चाहिए, ये हमारा सुनिश्चित दृढ़ निश्चय है, उसको हम चाहेंगे कि उसको आपको बताएं कि भविष्य में पेपर लीक नहीं हों, इसमें हम आप सबका सहयोग चाहेंगे।

– राजस्थान से राजूचारण

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