अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के कार्यकर्त्ताओं ने एकता, अखंडता और भाईचारे की प्रतीक बनाई मानव श्रंखला

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समानता और नारी मुक्ति के लिए हुए संघर्षों व उपलब्धियों का प्रतीक-डॉ. जगमति सांगवान
हरियाणा/रोहतक- अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के तत्वावधान में स्थानीय मानसरोवर पार्क में जनसभा का आयोजन किया गया तथा बाद में कार्यकर्त्ताओं ने अंबेडकर चौक तक एकता, अखंडता और भाईचारे के प्रतीक मानव श्रंखला बनाई गई।
समापन के समय प्रोफेसर मनजीत राठी के नेतृत्व में भारत के संविधान की उद्देशिका पढ़ी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मूर्ति, जगबीरी, कांता द्वारा संयुक्त रूप से की गई व संचालन एडवोकेट वीना मलिक ने किया। रिटायर्ड प्रिंसिपल राजकुमारी दहिया ने 8 मार्च के इतिहास पर बातचीत रखी।
बतौर मुख्य वक्ता संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जगमति सांगवान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समानता और नारी मुक्ति के लिए हुए संघर्षों व उपलब्धियों का प्रतीक है। यह दिन महिलाओं को असमानता व भेदभाव को खत्म करने तथा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को जहां भी मौके मिल रहे हैं, वे अपनी क्षमताओं से बढ़कर काम कर रही हैं लेकिन आज भी देश में महिलाओं के प्रति समाज में दकियानूसी सोच बनी हुई है। महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर लेने के लिए कड़े संघर्ष करने पड़ रहे हैं।
डॉ. जगमति सांगवान ने कहा कि पिछले दिनों भारतीय सेना में पुरुषों के समान महिलाओं को कमांड पोस्ट लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी। खुशी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक असमानता को तोड़ते हुए महिलाओं के हक में निर्णय दिया। पूरे देश में महिलाओं के आगे बढ़ने के साथ-साथ उन्हें क्रूर हमलों का शिकार होना पड़ रहा है।
उनका कहना था कि हमारे देश में महिलाओं व छोटी छोटी बच्चियों के साथ यौन हिंसा तथा उत्पीड़न की घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है। हरियाणा में महिलाओं के साथ क्रूरता के मामलों में 17.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हर घंटे में 5 महिलाएं बलात्कार का शिकार हो रही हैं।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि दहेज हत्या के मामलों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। समाज में बढ़ रही इस हिंसा से निपटने के लिए यह जरूरी है कि महिलाओं के प्रति समाज में चेतना बदले और उन्हें भी बराबर का इन्सान माना जाए। महिलाओं को बराबर के अवसर व संसाधनों में बराबरी दी जाए।
उन्होंने आरोप लगाया है कि केन्द्र की भाजपा सरकार भेदभावपूर्ण नागरिक संशोधन अधिनियम के जरिए लोगों का धुर्वीकरण कर रही है, जिससे बड़ी मार महिलाओ पर पड़ेगी। एनपीआर, एनआरसी व सीएए की कवायद बेवजह की फिजूलखर्ची है जबकि करोड़ों लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
डॉ. जगमति सांगवान ने कहा कि आंगनवाड़ी में खाना बनाने वाली मधुर ग्रुप की महिलाएं तथा क्रैच वर्कर्स से उनका छोटा सा रोजगार भी सरकार छीन रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जनसंख्या रजिस्टर बनाने की वजह बेरोजगारों का रजिस्टर तैयार करना चाहिए और बेरोजगारों को रोजगार देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनवादी महिला समिति मई के महीने में होने वाले एनपीआर सर्वे के बायकाट का आह्वान करती है। सभा में संगीता नाटक, मुनमुन हजारीका, सपना तथा गांधी स्कूल के बच्चों ने गीत प्रस्तुत किए।
सभा में डॉक्टर कश्मीरी देवी, रिटायर्ड प्रिंसिपल सरसीज सिवाच, प्रोफेसर अमिता, किसान सभा के उपाध्यक्ष शमशेर मलिक, क्रेच वर्कर्स यूनियन की महासचिव पूजा राठी, ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष डॉ आर एस दहिया, अभिभावक एकता मंच से यशवंत मलिक, सीटू की जिला अध्यक्ष कमलेश लाहली, गांधी स्कूल से नरेश, डीवाईएफआई के नेता राहुल, राज्य उपाध्यक्ष रामचंद्र सिवाच, कॉमरेड विनोद, बाला, मूर्ति, ओमपत्ती, सपना, मोनिका, निशा, गीता, मुकेश गोयत, कृष्णा, उर्मिल, विजय लक्ष्मी, किरण, अनिता, राममूर्ति, निर्मला आदि महिलाएं व पुरुष कार्यक्रम में उपस्थित थे।

– रोहतक से हर्षित सैनी

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