आजमगढ़- अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा विरोध दिवस के अवसर पर सोमवार को जिले में महिलाओं के सशक्तीकरण कार्य में शामिल संस्थाओं की पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें भारतीय संविधान में महिलाओं को प्राप्त अधिकारों एवं महिलाओें के लिए पारित तमाम अधिनियमों व कानूनों के समुचित क्रियान्वयन की मांग की गई। साथ ही महिला अधिकारों के लिए डीएम द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना भी की। कलेक्ट्रेट सभागार में महिला संगठनों की पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई। जिलाधिकारी ने महिला शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि महिलाएं कभी हिसक नहीं हो सकती हैं। क्योंकि इनका स्वभाव परिवार और समाज को एकजुट करने का होता है। उन्होंने आदिकाल से महिलाओं के साथ किसी न किसी रूप में हो रहे उत्पीड़न का भी जिक्र किया। बताया कि सबकुछ के बाद भी महिलाएं आज हर क्षेत्र में समाज के सामाजिक, बौद्धिक और आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इसलिए नारी शक्ति को प्रोत्साहित और सुरक्षित करने की समाज के हर व्यक्ति व वर्ग की जिम्मेदारी बनती है। महिला संगठन की पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से अपेक्षा की कि महिला सशक्तीकरण के लिए किए गए प्रशासनिक कार्यों से जिले की महिलाएं सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकेंगी। इस मौके पर विजय लक्ष्मी मिश्रा, अनीता द्विवेदी, प्रतिमा, अनामिका सिंह पॉलीवाल, अल्का श्रीवास्तव, रश्मि अग्रवाल, अनीता साइलेस, रोली श्रीवास्तव, सुधा तिवारी, सुषमा श्रीवास्तव, अनीता सिंह, राजमित्रा यादव, मधुबाला अस्थाना, वेदांनी वर्मा, सपना बनर्जी, अनुराधा राय, नीलम पांडेय आदि थीं।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़