70 साल बाद करवाचौथ पर व्रती महिलाओं को मिलेगा हजारों गुना फल:अखंड सौभाग्य को पूर्ण करेगा शिव योग

बरेली। इस बार करवाचौथ का व्रत और पूजन बहुत विशेष है क्योंकि इस बार 70 साल बाद ऐसा योग बन रहा है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और मंगल का योग एक साथ आ रहा है। करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग होना अपने आप में एक अद्भुत योग है। ज्योतिष के अनुसार यह योग करवाचौथ को और अधिक मंगलकारी बना रहा है। इससे करवा चौथ व्रत करने वाली महिलाओं को पूजन का फल हजारों गुना अधिक मिलेगा। सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ अबकी कई शुभ संयोग के साथ होगा। सभी योगों में श्रेष्ठ शिवयोग सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होगा। साथ ही बुधवार का दिन होने से इस पर्व की महत्व ज्यादा बढ़ गया है। बता दें बुध सौंदर्य कारक ग्रह है। इस दिन बुध के साथ में सूर्य ग्रह भी विद्यमान होंगे। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है। शिवयोग के साथ ही सर्वार्थसिद्धि, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सुख्य योग का निर्माण हो रहा है। सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए रखती हैं तो वहीं कुंवारी लड़कियां यह व्रत सुयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए रखती है। यह व्रत न केवल सुहागन महिलाओं के लिए बल्कि कुंवारी लड़कियों के लिए भी विशेष होता है। इस दिन कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ का पर्व 4 नवबंर 2020 के दिन मनाया जाएगा। इस दिन यदि करवा चौथ पूजन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस दिन चंद्रमा भी वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में संचार करेगा। ऐसे दुर्लभ संयोग कई वर्षों के बाद देखने को मिल रहे हैं। सुहागिनों के लिए इस बार का करवा चौथ का व्रत पूजन हजारों गुना शुभ फलदायक होगा। दरअसल यह व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। सुहागिन इस दिन प्रात काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी खाकर के व्रत आरंभ करती हैं। पूरे दिन निर्जला निराहार रहकर रात को चंद्रमा देखकर चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत संपन्न करती हैं। मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्या भी इस व्रत को करती हैं।।

बरेली से कपिल यादव

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