बरेली। नाथ नगरी बरेली धाम के श्रीबिहारी जी मंदिर, बिहारीपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठम दिवस अर्थात छठे दिन कथाव्यास श्री व्योम त्रिपाठी जी महाराज ने भगवान कृष्ण की लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने श्रीकृष्ण और गोपियों के महारास का वर्णन किया। फिर भगवान के पराक्रम का वखान करते हुए बताया कि किस तरह भगवान ने आतातायी राजा कंस के आतंक से मथुरावासियों को मुक्ति दिलायी। इसके बाद कंस के पिता महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराकर पुनः राज सिंहासन पर विराजमान कराया। तदुपरान्त स्वयं द्वारिका की स्थापना कर द्वारिकाधीश के रूप में विराजित हुए।
महाबली रुक्मि की बहन रुकमणि ने जब श्रीकृष्ण को प्रणय निवेदन हेतु पत्र भेजा तो भगवान बिना देर किये आये और रुकमणि से विवाह किया। भगवान श्रीकृष्ण एवं माता रुकमणि के विवाह का उत्सव मौजूद भक्तों ने धूमधाम से मनाया। श्रीकृष्ण के भजनों पर भक्त जमकर झूमे और विवाह समारोह का आनंद लिया।
कथा में श्री कृष्ण की लीलाओ के विषय मे वर्णन करते हुए कथा व्यास ने बताया कि देवराज इन्द्र ने कुपित होकर बारिश का आदेश दिया अब सामवर्तक मेघ बेशुमार बरसने लगे, ब्रजवासी भागे भागे कृष्ण की शरण में गये।
साथी हमारा कौन बनेगा तुम न सुनोगे तो कौन सुनेगा
संकट हमारा कैसे टलेगा तुम न सुनोगे तो कौन सुनेगा।
भगवान ने गिरिराज जी को अपनी कनिष्ठा उंगली पर सात दिन तक धारण किया, इन्द्र का य़ह देख अभिमान टूट गया।
आज की कथा में मुख्य यजमान के रूप में अतुल कपूर व सोनिया अतुल कपूर, ओम कपूर, अंश कपूर एवं यजमान संजय कपूर व नील्यू कपूर, शिवम कपूर व स्तुति कपूर, आनिया कपूर, संजीव गर्ग व रीना गर्ग, अंशिका गर्ग, श्रीमती अनुष्का सिंह, अध्ययन सिंह रहे तथा अन्य भक्तों में अमित कपूर, मीनू कपूर, श्रीमती अरुणा कपूर, अनिल अरोड़ा, बरखा अरोड़ा, रेखा कपूर, शिवम कपूर, विक्रम कपूर, पारस नाथ शर्मा, गिरिजा शंकर कक्कड़, शैनकी सचदेव, पवन, पायल, शोभा टण्डन, सीमा गोसाई, मनोज गोसाईं व ऋतु गोसाईं, माया कपूर, पूर्णिमा मेहरा, रति मेहरोत्रा, रानी सक्सेना, निखिल वर्मा, बब्बु जी, मंजू आदि शामिल रहे।