बरेली। साल का दूसरा और भारत मे साल का पहला चंद्र ग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को 7 सितंबर की रात मे लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत में इसे देखा जा सकेगा। इसकी शुरूआत पित्र पक्ष से होगी। 7 सितंबर को होने वाला चंद्र ग्रहण साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा जो भारत मे दिखाई देगा। इसे ब्लड मून भी कहा जा रहा है। इस बार चंद्र ग्रहण पर पितृ पक्ष का संयोग है। जो लोग पित्रों का तर्पण पूर्णिमा को करते है। उन्हें सूतक लगने से पहले ही तर्पण विधि पूरी करनी होगी। ज्योतिषाचार्य घनश्याम जोशी के अनुसार 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे से 8 सितंबर की अर्द्धरात्रि 1:26 बजे तक रहेगा। ग्रहण का असर 11: 42 बजे प्रबल रहेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार चंद्रग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट की रहेगी। पंचांग के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 पर शुरू हो जाएगा, इसलिए पित्रों का तर्पण पूर्णिमा के दिन करने वाले लोगों को सूतक से पहले ही पित्रों का तर्पण कर लेना होगा। यह चंद्र ग्रहण शनि की राशि कुंभ में लगेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार शनि देव ने इस समय कर्क, वृश्चिक और कुंभराशि मे चांदी के पाए धारण कर रखे है। कर्क राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण के प्रभाव से अगले 15 दिन आर्थिक लाभ होगा, पैसों से जुड़ी स्थिति बहुत अच्छी रहने वाली है। जिस क्षेत्र मे पैसे लगाएंगे, वहां से धन अर्जित करेंगे। सेहत भी अच्छी रहेगी। मनपसंद जगह ट्रांसफर हो सकता है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए चंद्र ग्रहण के प्रभाव से पद प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। नौकरीपेशा वाले लोगों को प्रमोशन मिलने का योग बन रहा है। बिजनेस वालों के लिए नए सौदे फायदेमंद रहेंगे। कुंभ राशि वालों को अगले 15 दिन सावधान रहना होगा। इस समय नौकरी मे बदलाव न करें। बड़ा निवेश सोच-समझकर करें। रविवार से कनागत शुरू हो रहे है। जिसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत भाद्र पक्ष की पूर्णिमा से होती है और आश्विन पक्ष की अमावस्या तक पूर्वजों का अनुष्ठान किया जाता है। तपेश्वरनाथ मंदिर के पंडित बिशन शर्मा के अनुसार इन दिनों पूर्वजों की पसंद का व्यंजन बनाकर ब्राहमण भोजन कराने से उनकी आत्मा तृप्त होगी। मान्यता है कि इन दिनों हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। हमें उनकी सेवा का अवसर मिलता है।।
बरेली से कपिल यादव