बरेली। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने और बच्चों पर अधिक असर होने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियों को शुक्रवार को परखा। जिले के सभी कोविड-19 अस्पतालों में शुक्रवार को पीडियाट्रिक वार्ड में मॉक ड्रिल आयोजित की गई। शासन स्तर से नियुक्त नोडल अफसर की मॉनिटरिंग में पीडियाट्रिक वार्ड में मॉक ड्रिल हुई। 300 बेड कोविड-19 अस्पताल में नोडल अफसर ने पहले हेल्प डेस्क देखी। हेल्प डेस्क पर कोई मौजूद नहीं था। उसके बाद नोडल अफसर आईसीयू पहुंचे। वहां स्टाफ से उन्होंने वेंटिलेटर बाय पेप समेत अन्य उपकरण चला कर दिखाने को कहा। इमरजेंसी वार्ड में नोडल अफसर ने खुद अपना ऑक्सीजन लेवल और ब्लड प्रेशर चेक करवाया। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ पवन कपाई ने बताया कि कोविड संक्रमण चपेट में यदि बच्चे आते है तो उन्हें जल्द से जल्द चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा सके। उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल के अंतर्गत एक बच्चे को मात्र 6 मिनट में सारी सुविधा मुहैया करा दी गई। उन्होंने बताया कि बच्चों के उपचार के लिए 80 बार्ड का एक बार बनाया गया है। जिसमें हर बेड पर सारी सुविधाएं वेंटिलेटर तक उपलब्ध है। 300 बेड कोविड अस्पताल के साथ ही मीरगंज, नवाबगंज, आंवला और शेरगढ़ में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस मौके नोडल अफसर की मुकदमा के आधार पर ही खामियों को दूर करने की कवायद चल रही है। मॉक ड्रिल के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बलबीर सिंह, एसीएमओ डॉ हरपाल सिंह, डॉ अरविंद कुमार सहित तमाम डॉक्टर मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव