25 लाख तक छोटे उद्योग स्थापित करने वालों को तीन साल तक ब्याज की धनराशि छूट – नवनीत सहगल

सहारनपुर – प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि सरकार छोटे व काॅटेज इंडस्ट्री को बढ़ावा देने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगी। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवश्यकतानुसार नियमों में परिवर्तन भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्टेट कंटेनर सब्सिडी के नियमों में संशोधन के लिए भी उच्चस्तरीय वार्ता की जायेगी। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण में जो बैंक सहयोग नहीं करेंगे उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रोजगार योजना के अंतर्गत 25 लाख तक की इकाई स्थापित करने वाले छोटे उद्योगों में तीन साल तक बैंक का ब्याज में छूट दी जायेंगी
श्री सहगल ने आज यहां कलेक्ट्रेट सभागार में खादी ग्रामोद्योग के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि बैंक ऋण वितरण में लापरवाही ना बरते। उन्होंने कहा कि छोटी ईकाइयों को स्थापित करने के लिए 25 लाख रूपये तक के ऋण की व्यवस्था की गयी है। इस योजना के अंतर्गत 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णण लिया है कि ऐसी यूनिटों को स्थापित करने वाले छोटे उद्योगों के तीन साल तक 13 प्रतिशत ब्याज की धनराशि का वहन सरकार के द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए खादी ग्रामोद्योग अधिकारी कार्यालय से विवरण प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया कि छोटे ग्रामीण उद्योगों को भी बड़े उद्योगों की भांति सुविधा दी जायेंगी
प्रमुख सचिव ने कहा कि स्थानीय जरूरतों एवं मांग के अनुसार उद्योग स्थापित किये जाये। उन्होंने कहा कि अधिकारी कार्यों में पारदर्शिता लाये। उन्होंने कहा कि छोटे व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार की दृष्टि से उद्योग स्थापित कराने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के चयन में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार पाये जाने पर सम्बधिंत के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेंगी। उन्होंने कहा कि आईसीडी कंटेनर की काॅस्ट रिकवरी की समस्या के निदान के लिए केन्द्र सरकार से बातचीत की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक्सपोर्टर के रिफंड के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाय। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
उपायुक्त उद्योग कल्पना ने कहा कि बैंक के सहयोग ना मिलने से जनपद में छोटे उद्योग स्थापित होने में परेशानी आ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों 18 एम.ओ.यू. साईन हुए थे। जिनमें से 10 को भूमि उपलब्ध करा दी गयी है और दो बैंक में ऋण स्वीकृति के कारण अधर में लटके है। बैंक के रैवये से छोटे व मंझोले उद्योग स्थापित करने वालों के सामने समस्याएं आ रही है। प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि बैंकर्स की बैठक कर स्पष्ट निर्देश दे दिये जाये कि किसी भी स्तर पर अब लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। जो बैंक सहायोग नहीं करता है और अनावश्यक परेशान करता है। ऐसे बैंकों को चिन्हित कर उनके विरू़द्ध कठोर कार्यवाही की जायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सर्वागींण विकास के लिए उद्योग बंधु व एक्सपोर्टर का हर स्तर पर मदद की जायेंगी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी संजीव रंजन, अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) एस.के.दूबे, डी.एफ.ओ. विजय सिंह, उपायुक्त उद्योग कल्पना सहित खादी ग्रामो उद्योग, बैंक सहित एक्सपोर्टर एसोसियेशन व उद्योग बंधु के पदाधिकारी व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
– सुनील चौधरी ,सहारनपुर

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