बरेली। जनपद मे वर्ष 2010 में हुए दंगे की सुनवाई फास्ट ट्रैक प्रथम कोर्ट मे चल रही है। इस मामले मे मौलाना तौकीर रजा को मास्टरमाइंड मानते हुए तलब करने का आदेश जारी होने के बाद 13 मार्च को दंगे के एक आरोपी इजहार ने इस केस की सुनवाई किसी अन्य कोर्ट मे कराने को जिला जज की अदालत मे अर्जी दी। अगले ही दिन इजहार ने इस अर्जी को वापस ले लिया और दूसरे आरोपी शाहरुख ने अपने अधिवक्ता कासिफ खान के जरिये केस ट्रांसफर की अर्जी दायर की। 16 मार्च को जिला जज की कोर्ट मे इस अर्जी पर सुनवाई हुई और शाहरुख के अधिवक्ता की अर्जी पर सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख नियत की गई थी। सोमवार को जिला जज विनोद कुमार की कोर्ट मे लंच बाद इस अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई। लखनऊ से आए शाहरुख के अधिवक्ता आशीष सिंह ने बहस की। उन्होंने फास्ट ट्रैक प्रथम कोर्ट की कार्यशैली पर तमाम सवाल उठाए। डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने ट्रांसफर अर्जी का कड़ा विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि अगस्त 2023 से फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर दंगा केस मे सुनवाई कर रहे। तब किसी भी आरोपी को कोर्ट से कोई शिकायत नही हुई। जब पांच मार्च को फास्ट ट्रैक प्रथम के जज ने गवाहों के बयानों और विवेचना में जुटाए सबूतों के आधार पर मौलाना तौकीर रजा खां को बतौर मुख्य आरोपी तलब करने के आदेश दिए तो दंगारोपी शाहरुख को कोर्ट की कार्यशैली से दिक्कत होने लगी जबकि कोर्ट निष्पक्ष न्यायिक कार्य कर रही है। डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने ट्रांसफर अर्जी पर लिखित आपत्ति दाखिल करने को भी समय मांगा। जिला जज विनोद कुमार की कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर ट्रांसफर अर्जी पर फैसला सुनाने को 21 तारीख नियत की है।।
बरेली से कपिल यादव