1600 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के भागलपुर हेतु रवाना

– हालात सामान्य होने पर घर लौटने हेतु पंजीकरण करवाने वाले श्रमिकों ने घर लौटने का निर्णय बदला
– औद्योगिक इकाईयों में उत्पादन शुरू होने से प्रवासी श्रमिकों को मिला दोबारा रोजगार
– अब प्रवासी मजदूर घर जाने की बजाय रोजगार को दे रहे प्राथमिकता
रोहतक- उपायुक्त आर.एस.वर्मा ने कहा कि जिला में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु जारी लॉकडाउन से अब हालात सामान्य हो रहे हैं। जिला में लगभग 35 हजार श्रमिकों को औद्योगिक इकाईयों में कार्य शुरू होने से रोजगार मिला है तथा अपने घर लौटने के लिए पंजीकरण करवाने वाले लगभग 44 हजार श्रमिकों में से अब कुछ श्रमिक रोजगार मिलने की वजह से घर लौटने के इच्छुक नहीं है। उन्होंने घर लौट रहे श्रमिकों से बातचीत करते हुए कहा कि वे अपने परिजनों से मिलकर जल्छी काम पर लौटे ताकि उनकी जिन्दगी पटरी पर आ सके।
उपायुक्त ने श्रमिकों के लिए रेलवे स्टेशन पर किए गए प्रबंधों का श्रमिकों से फीडबैक लिया तथा श्रमिकों ने प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सरकार के प्रयासों से लम्बे समय बाद अपने परिजनों से मिलने हेतु घर के लिए रवाना हुए हैं। लॉकडाउन के शुरू होने से ही वे बेसब्री से अपने घर लौटने का इंतजार कर रहे थे और आज उनका यह इंतजार समाप्त हुआ है। रेलवे स्टेशन से गाड़ी रवाना होते ही गाड़ी में सवार सभी श्रमिकों ने भारत माता की जय के साथ-साथ जय श्रीराम व जय हरियाणा के नारे लगाए और हाथ हिलाते हुए सभी का अभिवादन करते हुए अपनी मंजिल के लिए निकल पड़े।
आर.एस.वर्मा ने कहा कि जिला में लगभग ढाई हजार औद्योगिक इकाईयों में कार्य शुरू हुआ है तथा श्रमिकों को दोबारा से रोजगार मिला है। आज रोहतक व आसपास के क्षेत्रों से 1600 श्रमिक भागलपुर कलस्टर से संबंधित आज अपने घरों को रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन व स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा इन श्रमिकों के रहने, खाने-पीने आदि के सभी पुख्ता प्रबंध किए गए थे। ये श्रमिक अपने परिजनों से मिलना चाहते थे। जिला प्रशासन द्वारा सभी पुख्ता प्रबंध करने के बाद उन्हें अपने घर भेजा जा रहा है। उन्होंने स्पष्टï किया कि कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण को रोकने हेतु सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु जारी लॉकडाउन के दौरान रोहतक व अन्य जिलों में फंसे 1600 प्रवासी आज श्रमिक स्पेशल टे्रन संख्या 04272 से बिहार के भागलपुर हेतु रवाना हुए। सभी श्रमिकों के चेहरे पर घर लौटने की खुशी झलक रही थी। आज रोहतक, झज्जर एवं चरखी दादरी से श्रमिक इस टे्रन में सवार होकर अपने घर पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों हेतु सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे। उपायुक्त ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार श्रमिकों को बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाया गया तथा पूरी तरह थर्मल स्कैनिंग करने के उपरांत ही श्रमिकों को टे्रन में सवार होने की इजाजत दी गई। रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों के लिए पेयजल, दोपहर के भोजन, मास्क, सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था की गई थी तथा सामाजिक दूरी को बनाए रखने हेतु पुलिस बल एवं अन्य कर्मचारी तैनात किए गए थे।
पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मास्क पहनकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में घूम रहे असामाजिक तत्वों के मंसूबों को विफल करने के लिए पुलिस द्वारा इन पर निरंतर निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पब्लिक डिलिंग व पैसे के लेन-देन से संबंधित स्थलों पर विशेष निगरानी की जा रही है तथा फोटोग्राफी भी करवाई जा रही है ताकि असामाजिक तत्वों के मंसूबों को असफल किया जा सके। पुलिस द्वारा लॉकडाउन को सख्ती से लागू करवाया जा रहा है तथा सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान रोहतक व आसपास के क्षेत्रों में फंसे प्रवासी श्रमिकों में से बिहार एवं उत्तरप्रदेश के श्रमिकों ने घर लौटैने हेतु पंजीकरण करवाया था, जिसके लिए प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्थाएं की गई थी। अब लॉकडाउन में छूट देने से इन श्रमिकों को दोबारा रोजगार प्राप्त हुआ है तथा कुछ श्रमिक अब घर लौटने के लिए इच्छुक नहीं है।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, एसडीएम राकेश कुमार सैनी, डीएसपी गोरखपाल, रेलवे के सीनियर डीसीएम फ्लाइट संदीप गहलोत, भू-जल वैज्ञानिक दलवीर राणा, रोहतक के तहसीलदार राजेश कुमार, जिला रैड क्रास सोसायटी के सचिव देवेंद्र चहल सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं रेलवे के संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *