बरेली। शहर मे क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक शिक्षा एवं जन कल्याण समिति के तत्वाधान मे वीरेश गुर्जर के आवास पर गुर्जर समाज ने क्रांतिकारी, सत्याग्रह जनक, बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रणेता, राजस्थान केसरी शहीद विजय सिंह पथिक को उनकी 141वी जयंती पर याद किया गया। वीरेश गुर्जर ने कहा कि विजय सिंह पथिक उर्फ भूप सिंह ने क्रांतिकारी परिवार मे जन्म लिया। उन्होने क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देते देने के साथ-साथ समाचार पत्र के माध्यम से भारत मे क्रांति की ज्वाला को मूर्त रूप दिया। जगपाल सिंह भाटी ने कहा कि वर्ष 1882 मे बुलंदशहर के गुलावठी के अख्तियारपुर गांव मे जन्मे विजय सिंह पथिक ने आजादी की लड़ाई में बड़ी भूमिका अदा की थी। पथिक क्रांतिकारी होने के साथ पत्रकार, समाजसेवी, लेखक, कवि, शिक्षक व राजनीतिज्ञ भी थे। 1912 में ब्रिटिश सरकार ने भारत की राजधानी कोलकाता से हटाकर दिल्ली लाने का निर्णय लिया। भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड हार्डिंग ने दिल्ली प्रवेश करने के लिए एक जुलूस निकाला था। उस वक्त पथिक समेत अन्य साथियों ने जुलूस पर बम फेंका था। हॉडिंग बच गए लेकिन अंग्रेज पथिक की जान के दुश्मन बन गए। तब पथिक ने अपना नाम भूप सिंह गुर्जर से बदलकर विजय सिंह पथिक रख लिया था। इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह, डा सतवीर सिंह, डॉ सती राम उर्फ डा सैम, डॉ मंजीत सिंह भाटी, अजीत सिंह, स्वदेश गुर्जर, राजीव, अमित तथा राजेश्वर सिंह ने विजय सिंह पथिक के चित्र पर माल्यार्पण करके उन्हें नमन किया।।
बरेली से कपिल यादव